नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि नियमों का अनुपालन नहीं होने वाले मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दंडात्मक शक्तियों का त्वरित इस्तेमाल हो, ताकि मनीलांड्रिंग करने वालों व कर चोरों के लिए एक उदाहारण किया पेश किया जा सके।
जेटली यहां प्रवर्तन दिवस पर आयोजित कार्यकम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने एजेंसी से आह्वान किया कि कानूनों का कड़ाई से पालन करे ताकि राजकोष में राजस्व की बढ़ोतरी हो। उन्होंने माना कि कर कानूनों का अनुपालन नहीं होने से बड़े पैमाने पर हमेशा जनहित व देशहित का ही नुकसान होता है।
जेटली ने कहा, यही वजह है कि राजस्व विभाग तथा प्रवर्तन निदेशालय को बड़ी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा, ऐसे में नियमों के अनुपालन की अपेक्षा रहती है और गैर-अनुपालन की स्थिति में ईडी के पास दंडात्मक अधिकार हैं। जब भी उल्लंघन का पता चले, तब इस शक्ति का त्वरित उपयोग किया जाना चाहिए। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने नागरिकों को विदेशी विनिमय में कारोबार की अनुमति भरोसे के साथ दी है।
उन्होंने कहा कि हवाला माध्यमों का इस्तेमाल, देश से धन का बाहर जाना, धन का हेरफेर व कर चोरी के लिए मुखौटा कंपनियां बनाना जैसे मनीलांड्रिंग के गंभीर अपराध अब बहुत जाना माना व्यवहार बन चुका है। जेटली ने कहा कि इस तरह के उल्लंघनों का पता लगाना मुश्किल नहीं है और कंपनी पंजीयक के पास फाइलिंग की जांच से भी इसे पकड़ा जा सकता है।
वित्तमंत्री ने मनीलांड्रिंग, कर चोरी व मुखौटा कंपनियों के सृजन को गंभीर अपराध करार दिया क्योंकि इनके जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल व ग्रामीण विकास में लगने वाली राशि का हेरफेर होता है। गडबड़ियों को पकड़ने में आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी से विभिन्न उल्लंघनों को पकड़ने के उपकरण मिले हैं।
जेटली ने कहा कि अगर हम इनमें से कुछ अपराधियों को सबक की तरह पेश कर पाते हैं तो मेरी राय में बाकी को कानूनों के अनुपालन का फायदा पता चलेगा। (भाषा)