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अरुणाचल मामले पर कांग्रेस-भाजपा में वाकयुद्ध

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नई दिल्ली , बुधवार, 27 जनवरी 2016 (23:22 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका पर केंद्र सरकार और राज्यपाल को बुधवार को नोटिस जारी किए, जबकि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया। 
न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने याचिकाकर्ता प्रदेश कांग्रेस के मुख्य सचेतक बमांग फलेक्स के वकील फली एस नरीमन और विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया के वकील कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद केंद्र सरकार एवं राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा को नोटिस जारी करके शुक्रवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और एक फरवरी को अगली सुनवाई की तिथि तय की।
 
इस बीच कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में पार्टी के पास बहुमत होने का दावा करते हुए कहा कि राज्य में उसकी सरकार को सत्ता से बाहर करके राष्ट्रपति शासन लगाकर मोदी सरकार ने गणतंत्र दिवस पर लोकतंत्र की हत्या की है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तानाशाही रवैए  का परिचय है।
 
कांग्रेस के पूर्वोत्तर के प्रभारी महासचिव नारायण सामी तथा प्रवक्ता राज बब्बर ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में मोदी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने शर्मनाक तरीके से राज्यपाल का इस्तेमाल करके राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर 58 फीसदी से ज्यादा वोट पाकर सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार को बाहर का रास्ता दिखाकर अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया है।
 
उधर भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर जो कुछ कर रही है, वह संवैधानिक, नैतिक और राजनीतिक रूप से सही नहीं है।
 
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अरुणाचल में 24 जनवरी को राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी जिस पर 26 जनवरी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी मोहर लगाई। (वार्ता)

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