Kejriwal's wife banned from court summons: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पत्नी सुनीता केजरीवाल (Sunita Kejriwal) को 2 विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराकर कानून का उल्लंघन करने के आरोप में उनके खिलाफ निचली अदालत के समन पर सोमवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती देने वाली सुनीता केजरीवाल की याचिका पर राज्य के साथ-साथ शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया जिसमें उन्हें आरोपों के संबंध में 18 नवंबर को अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया था।
अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए इसे 1 फरवरी को सूचीबद्ध किया और आदेश दिया कि इस फैसले से कई सवाल खड़े हो गए हैं इसलिए इसे लागू करने पर रोक रहेगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता हरीश खुराना ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की पत्नी ने जनप्रतिनिधि (आरपी) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
खुराना ने दावा किया कि सुनीता केजरीवाल साहिबाबाद निर्वाचन क्षेत्र (संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद), उत्तरप्रदेश की मतदाता सूची में मतदाता के तौर पर पंजीकृत थीं और वह दिल्ली में चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र में भी पंजीकृत थीं, जो आरपी अधिनियम की धारा 17 का उल्लंघन है।
उन्होंने दावा किया कि झूठी घोषणाएं करने से संबंधित अधिनियम की धारा 31 के तहत अपराध के लिए सुनीता केजरीवाल को दंडित किया जाना चाहिए। सुनीता केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी कि निचली अदालत का आदेश बिना सोचे समझे पारित किया गया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2 मतदाता पहचान पत्र रखना कोई अपराध नहीं है और इस बात के कोई सबूत नहीं है कि याचिकाकर्ता ने कोई गलत बयान दिए थे। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने 29 अगस्त को याचिकाकर्ता को 18 नवंबर को तलब किया था।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta