नई दिल्ली। खुले बाजार को समर्थन देने वाले अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया को योजना आयोग के स्थान पर नवगठित ‘नीति आयोग’ का पहला उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
अरविंद पनगढ़िया के साथ ही नई संस्था के छह सदस्यों और तीन विशेष आमंत्रितों की भी नियुक्ति कर दी गई है। पनगढ़िया अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पनगढ़िया के साथ ही अर्थशास्त्री बिबेक देबराय और डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख वी.के. सारस्वत को आयोग का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया है। प्रधानमंत्री नीति आयोग के अध्यक्ष होंगे।
नीति आयोग समाजवाद के दौर के 65 वर्ष पुराने योजना आयोग की जगह गठित किया गया है। केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुरेश प्रभु और राधामोहन सिंह को आयोग का पदेन सदस्य तथा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, स्मृति जुबीन ईरानी और थावर चंद गहलोत को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।
62 वर्षीय पनगढ़िया भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं। वह कोलंबिया विश्विद्यालय में प्रोफेसर हैं। वह एशियाई विकास बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री और कॉलेज पार्क मैरीलैंड के अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र केन्द्र में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और सह-निदेशक रह चुके हैं।
प्रिंसटोन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी हासिल करने वाले पनगढ़िया विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन और व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (एंकटाड) में भी विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं।
सरकार ने नीति आयोग के गठन की घोषणा एक जनवरी को की। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाला यह आयोग केन्द्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकारों के लिये नीति निर्माण करने वाले संस्थान की भूमिका निभाएगा और बौद्धिक संस्थान की तर्ज पर काम करेगा।
आयोग की एक संचालन परिषद होगी, जिसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और संघ शासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल सदस्य होंगे। परिषद केन्द्र और राज्यों के साथ मिलकर सहयोगात्मक संघवाद का एक राष्ट्रीय एजेंडा तैयार करेगी।
इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट क्षेत्रीय परिषदें होंगी। प्रधानमंत्री द्वारा आयोग में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ और जानकारों को भी विशेष आमंत्रित के तौर पर नामित किया जाएगा।
बिबेक देबरॉय और वी.के. सारस्वत का परिचय : सरकार ने आज बिबेक देबरॉय और रक्षा अनुसंधान एवं विकास (डीआरडीओ) के पूर्व सचिव वी.के. सारस्वत को नीति आयोग का सदस्य नियुक्त किया है।
कैंब्रिज से शिक्षा प्राप्त देबराय भारत सरकार में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। देबरॉय राजीव गांधी इंस्टीट्यूट फॉर कंटेंपररी स्टडीज के निदेशक भी रह चुके हैं। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में सलाहकार और पीएचडी उद्योग मंडल के महासचिव भी रह चुके हैं।
सारस्वत, भारतीय वैज्ञानिक हैं और रक्षा मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रह चुके हैं। पद्मश्री पुरसकार से सम्मानित सारस्वत देश के पृथ्वी मिसाइल कार्यक्रम और उसके भारतीय सशस्त्र सेना में शामिल करने से जुड़े रहे हैं। वह मई 2013 में सेवानिवृत हुए।