वाराणसी की ज्ञानवापी सर्वे के आखिरी दिन यानी सोमवार को हिन्दू पक्ष की तरफ से 12 फुट और 8 इंच लंबा शिवलिंग मिलने का दावा किया गया। इसके बाद जिस जगह पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया, कोर्ट की तरफ से उसे सील करने के आदेश दिए गए। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की तरफ से दायर याचिका पर आज मंगलवार को सुनवाई होगी।
इस बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर इतिहास की बात करना है तो बात निकली है तो दूर तलक जाएगी। बेरोजगारी, महंगाई, वगैरह के जिम्मेदार औरंगजेब ही हैं। प्रधानमंत्री मोदी नहीं, औरंगजेब ही हैं। अगले ट्वीट में ओवैसी ने शिवलिंग होने के दावा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने जारी एक वीडियो में पूछा है कि मस्जिद कमेटी ने बताया कि वो शिवलिंग नहीं, फव्वारा था। अगर शिवलिंग मिला था तो कोर्ट के कमिश्नर को ये बात बतानी चाहिए थी।
1991 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अनदेखी : इससे 1 दिन पहले ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण से आहत हैं और 1991 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अनदेखी की गई है। हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद ओवैसी ने कहा कि वह ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर बोलना जारी रखेंगे, क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नहीं डरते हैं।
गुजरात के वडगाम में एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर बोलने पर लोग उनसे सवाल करते हैं। मैं बोलूंगा, क्योंकि मैंने अपना 'जमीर' नहीं बेचा है और न ही कभी ऐसा करूंगा। मैं बोलता हूं, क्योंकि मैं केवल अल्लाह से डरता हूं, किसी मोदी या योगी से नहीं। मैं इसलिए बोलता हूं, क्योंकि बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा बनाया गया संविधान मुझे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है।