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असम की बाढ़ में काजीरंगा के जानवरों की जलसमाधि

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नई दिल्ली , बुधवार, 23 अगस्त 2017 (14:47 IST)
नई दिल्ली। देश के अनेक हिस्सों में जहां बाढ़ का प्रकोप चरम पर है, बाढ़ की इस प्राकृतिक आपदा ने बिहार, असम, राजस्थान में बड़े पैमाने पर तबाही ला दी है। देश के पूर्वोत्तर राज्य असम में बहने वाली ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक उपनदियों ने बाढ़ का ऐसा कहर ढाया कि इंसान तो क्या बेजुबान जानवर भी अछूते नहीं रह सके। 
 
बाढ़ के विनाशकारी प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित विश्व प्रसिद्ध काजीरंगा नेशनल पार्क में इस साल न केवल 225 जानवर मारे गए बल्कि सैकड़ों की संख्या में जानवर अब भी लापता बताए जा रहे हैं। बाढ़ के चलते पार्क का लगभग 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सा जलमग्न हो चुका है और यह बेजुबान पशुओं की जल समाधि बन गया है।  
 
पार्क के सूत्रों का कहना है कि मृत जानवरों में 178 हिरण, 15 गेंडे, 4 हाथी और 1 टाइगर भी शामिल है। उत्तर पूर्व (नॉर्थ ईस्ट) के राज्य हर साल बाढ़ की वजह से तबाह हो जाते हैं और बाढ़ का सबसे ज्यादा असर असम में ही होता है। असम नॉर्थ ईस्ट का गेटवे (प्रवेश द्वार) कहा जाता है। हर साल असम में हुई तबाही के कारण नॉर्थ ईस्ट के सातों राज्यों का सम्बंध भारत से टूट जाता है। इस साल काजीरंगा नेशनल पार्क भी पूरी तरह तबाह हो चुका है। 
 
विदित हो कि वर्ष 2012 में आई भारी बाढ़ के कारण काजीरंगा में 793 जानवरों की मौत हुई थी और पिछले साल आई बाढ़ के कारण कुल 503 जानवरों की मौत हुई थी। इस वर्ष भी कम से कम 225 पशुओं की मौत हो चुकी है।

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