Delhi nominated Chief Minister Atishi Marlena: आम आदमी पार्टी सरकार में सबसे ज्यादा विभागों की मंत्री रहीं आतिशी मर्लेना दिल्ली की मुख्यमंत्री मनोनीत की गई हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए नाम आने के साथ ही उनके बारे में नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। आतिशी का मध्य प्रदेश से भी करीबी संबंध रहा है। उनके करीबी लोगों के अनुसार आतिशी भोपाल के पास बैरसिया में ही लगभग 2 साल तक रही हैं।
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राकेश दीवान वेबदुनिया से बातचीत में बताते हैं कि कि आतिशी ने लोगों से, समाज से जुड़ने के लिए भोपाल के बैरसिया में कुछ जमीन लेकर करीब 2 साल तक कम्यूनिटी फॉर्मिंग की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें आम आदमी पार्टी की तरफ से मध्य प्रदेश का प्रभार दिया गया था। उस दौरान भी वे मध्य प्रदेश में रही थीं।
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ईमानदार हैं आतिशी : आतिशी की तारीफ करते हुए दीवान कहते हैं कि वे अच्छी हैं, ईमानदार हैं। सबसे अच्छी बात है कि ये राजनीति में पहली बार कूदी हैं और इन्हें संपत्ति और पूंजी बनाने के हथकंडे मालूम नहीं है। लोगों की इनके विचारों से असहमति हो सकती है, लेकिन ये सभी लोग अच्छा काम कर रहे हैं।
बहुत जल्दी तय किया मुख्यमंत्री पद का सफर : हालांकि आतिशी ने विधायक से मंत्री और फिर मुख्यमंत्री पद तक का सफर बहुत तेजी से तय किया है। इसे अभूतपूर्व भी माना जा रहा है। 43 वर्षीय आतिशी, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने वाली तीसरी महिला होंगी। वर्तमान में दिल्ली सरकार में अनेक विभागों का प्रभार संभाल रहीं आतिशी ने कहा कि आप जैसी पार्टी ही उनके जैसे नए नेता को ऐसी जिम्मेदारी सौंप सकती है।
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आतिशी आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्य रही हैं और उन्होंने इसकी नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे 2013 के घोषणापत्र मसौदा समिति के प्रमुख सदस्य के रूप में शामिल थीं। भले ही आतिशी 2013 में आप में शामिल हो गईं, लेकिन वे शिक्षा संबंधी नीतियों पर सरकार के सलाहकार के रूप में काम करते हुए पृष्ठभूमि में रहीं। वर्ष 2019 में चुनावी राजनीति में कदम रखते हुए उन्होंने भाजपा के गौतम गंभीर के खिलाफ पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा।
क्या है मर्लेना उपनाम का राज : हालांकि वह चुनाव हार गईं। सक्रिय राजनीति में आने से पहले आतिशी ने अपना उपनाम मर्लेना हटा दिया था, जो मार्क्स और लेनिन का मिश्रण है, क्योंकि वह चाहती थीं कि उनके राजनीतिक जुड़ाव को गलत तरह से नहीं समझा जाना चाहिए। वर्ष 2020 में, आतिशी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा और कालकाजी सीट से विधायक चुनी गईं। उन्हें ऐसे समय में कैबिनेट में शामिल किया गया था जब पिछले साल फरवरी में आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सरकार संकट का सामना कर रही थी।
इस दौर में आतिशी पार्टी और सरकार में बड़ा चेहरा बनकर उभरीं और वर्तमान में वह वित्त, पीडब्ल्यूडी और शिक्षा जैसे प्रमुख विभागों सहित कई विभागों को संभाल रही हैं। आतिशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और अपने बैच में शीर्ष स्थान हासिल किया। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा और इतिहास में स्नातकोत्तर उपाधि भी प्राप्त की है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala