अयोध्या मामले में जमीन के मालिकाना हक से संबंधी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद बाबर के वशंज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने एक बार फिर राममंदिर के पक्ष में बयान दिया है। प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने कहा कि उन्हें उम्मीद हैं कि सुप्रीम कोर्ट 100 करोड़ हिंदूओं की आस्था को देखकर कोई फैसला सुनाएगा। वेबदुनिया से बातचीत में प्रिंस हबीबुद्दीन ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाएगा तो वह खुद अपने वायदे के मुताबिक भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए सोने की ईट देंगे।
वह कहते हैं कि अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा वह जमीन के मालिकाना हक के बारे में होगा और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष जमीन के मालिकाना हक के बारे में कोई भी दस्तावेज नहीं पेश कर पाया। प्रिंस हबीबुद्दीन ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में बाबर की जमीन बताते हुए फैसला देता है तो वह बाबर के वंशज होने के चलते जमीन को हिंदू के पक्ष मे मंदिर निर्माण देने के लिए दे देंगे क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर को लेकर करोड़ों लोगों की सीधे आस्था जुड़ी है।
औवेसी को बताया जोकर – अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के विरोध में आने वाले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और औवेसी को भी प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी ने खूब खरी खोटी सुनाई है। प्रिंस हबीबुद्दीन ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि जमीन न तो वक्फ बोर्ड की है और न हीं औवेसी की, अयोध्या में जो जमीन है वह बाबर की है और इसलिए उस जमीन पर उनका मालिकाना हक है। वह कहते हैं कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और औवेसी जैसे लोग मुगल बादशाह बाबर के नाम का गलत इस्तेमाल कर लोगों को भड़का रहे हैं।
उन्होंने औवेसी को जोकर बताते हुए कहा कि अपने सियासी फायदे के लिए वह लोगों को भड़काने का काम करता है। उन्होंने लोगों से अपील की वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और औवेसी जैसे लोगों के भड़काने में नहीं आए और अयोध्या में मंदिर बनने के पक्ष में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि अगर इतिहास में बाबर के सेनापति मीरबाकी ने वहां पर मंदिर तोड़क मस्जिद बनवाई तो वह लोगों से इसके लिए माफी मांगते हैं।