लखनऊ। सीबीआई अदालत ने अयोध्या मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत सभी 12 लोगों पर मंगलवार को आरोप तय कर दिए। अब इन पर आपराधिक साजिश का मुकदमा चलेगा।
इससे पहलेे अदालत ने आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा समेत सभी आरोपियों को 20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश संजय कुमार यादव ने आरोपियों को 20-20 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी। अदालत ने इन आरोपियों पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153, 153ए, 295, 505 और 120बी के तहत आरोप तय किए हैं।
उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई हरहाल में दो वर्ष में समाप्त करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने कहा है कि सुनवाई पूरी होने तक सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश का स्थानांतरण न किया जाए। यह मामला 25 वर्षों से लंबित है । उच्चतम न्यायालय इसमें जल्द से जल्द फैसला चाहता है। मामले की सुनवाई प्रतिदिन होगी।
आरोपियों के अधिवक्ता केके मिश्रा ने बताया कि मुकदमे की सुनवाई प्रतिदिन चलेगी। सभी गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद आरोपियों को फिर हाजिर होना पड़ेगा, हालांकि अदालत आरोपियों को बीच में भी बुला सकती है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच करीब 12 बजे आडवाणी अदालत में पेश हुए। अदालत के बाहर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए थे। देश-विदेश के मीडियाकर्मियों से परिसर खचाखच भरा हुआ था।
बचाव पक्ष के वकील प्रशांत ने बताया कि हमने अदालत में कहा है कि इन सभी नेताओं का विवादित ढांचे के विध्वंस में कोई हाथ नहीं है। इन्होंने तो उग्र भीड़ को रोका था। उन्होंने कहा कि सभी नेताओं को 20-20 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी है।