Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

तनाव से विदेशी पर्यटक परेशान, आयुर्वेद बना वरदान

हमें फॉलो करें तनाव से विदेशी पर्यटक परेशान, आयुर्वेद बना वरदान
नई दिल्ली , रविवार, 9 जुलाई 2017 (10:55 IST)
नई दिल्ली। भागदौड़ की जीवन शैली और कार्यालय में अधिक कामकाज के कारण परेशान विदेशी पर्यटक आयुर्वेद के सहारे अपना तनाव दूर करने भारत आ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश तो फ्रांस के पर्यटकों के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से तनाव दूर करने का प्रमुख केंद्र पर्यटन स्थल बन गया है।
 
यह कहना है अंतरराष्ट्रीय भूगोल संघ के उपाध्यक्ष प्रो.आर बी सिंह का जिनका एक शोध पत्र अमेरिका के प्रसिद्ध स्वास्थ्य जर्नल कम्युनिटी हेल्थ मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ इशू के ताज़ा अंक में प्रकाशित हुआ है। इस शोध पत्र की सहायक लेखिका नीतू गोस्वामी हैं।
 
हिमाचल के कांगड़ा जिले में फ्रांस के पर्यटकों के तनाव प्रबंधन पर किए गए सर्वेक्षण पर आधारित शोध पत्र में यह जानकारी दी गई है।
 
दिल्ली विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष सिंह के अनुसार विश्व में जीवन शैली और दफ्तर में  काम के अधिक घंटे होने के कारण लोग तनाव के अधिक शिकार होते जा रहे हैं इसलिए वे अपना इलाज कराने के लिए भारत आ रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि इसलिए सरकार को योग के साथ-साथ आयुर्वेद के प्रचार प्रसार पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। भूगोल विभाग भी पर्यावरण और वनों में पाए जाने वाले मेडिसिनल पौधों आदि का भी अध्ययन करता है।
 
शोध पत्र के अनुसार देश में कुल 45 लाख डॉक्टर हैं और आबादी सवा अरब हो गई है, इस तरह औसतन  1200 लोगों पर एक डॉक्टर हैं। भारतीय चिकित्सा पद्धति और होमयोपैथ के सात लाख 85 हजार डॉक्टर हैं जबकि इनमें से आयुर्वेद के चार लाख 20 हजार डॉक्टर हैं। देश में आयुर्वेद के तीन हजार अस्पताल और 22 हजार डिस्पेंसरियां हैं और नौ हज़ार दवा की फैक्ट्रियां हैं।
 
सिंह ने कहा कि इतने बड़े देश में जब डॉक्टरों की मांग पूरी नहीं हो रही तो मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा  देने  के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टरों की संख्या और भारतीय चिकित्सा प्रणाली की सुविधा भी बढ़नी चाहिए।
 
पत्रिका में प्रकाशित शोध पत्र के अनुसार हिमाचल प्रदेश के धौलाधार और कांगड़ा जिला प्राकृतिक चिकित्सा के मेडिकल संयंत्र और स्वास्थ्य रिसोर्ट का बढ़िया केंद्र बन गया है जहां विदेशी पर्यटक इलाज के लिए अधिक आने लगे हैं। कांगड़ा  में 2013 में 79 हजार 871 विदेशी पर्यटक आए जबकि 2014 में विदेशी 89 हजार 84 पर्यटक आए।
 
शोध पत्र के अनुसार 90 प्रतिशत प्रौढ़ महिलाएं विशेषकर अकेली महिलाएं तनाव एवं चिड़चिड़ेपन की शिकार हैं। आधुनिक जीवन शैली, काम के अधिक घंटे, लिव इन रिलेशन भी इस तनाव के लिए जिम्मेदार हैं। हिमाचल प्रदेश में किए गए सर्वेक्षण से यह बात सामने आइ है कि फ्रांसीसी पर्यटक आयुर्वेदिक इलाज से काफी संतुष्ट होकर स्वदेश लौटे हैं।
 
सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को योग दिवस पर अपने कार्यक्रम में योग के साथ-साथ आयुर्वेद  को भी शामिल करना चाहिए। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जीएसटी से महंगे हुए एलईडी बल्ब, 'उजाला' पर पड़ा यह असर...