Baba Ramdev in Supreme Court : योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को कहा कि उन्होंने भ्रामक विज्ञापन मामले में अपनी ओर से हुई गलतियों के लिए समाचार पत्रों में बिना शर्त माफी प्रकाशित की है।
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव के माफीनामे को एक बार फिर से स्वीकार नहीं किया। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रामदेव और बालकृष्ण के वकील से समाचार पत्रों में प्रकाशित माफीनामे को 2 दिनों के भीतर रिकॉर्ड में पेश करने को कहा।
रामदेव और बालकृष्ण की ओर से पेश वकील ने पीठ से कहा कि वे अपनी गलतियों के लिए बिना शर्त माफी मांगते हुए अतिरिक्त विज्ञापन भी जारी करेंगे।
पतंजलि की ओर से पेश हुए सीनियर वकील मुकुल रोहतगी की तरफ से कहा गया कि हमने 67 अखबारों में हमने माफीनामा दिया है। इस पर हमने 10 लाख रुपए खर्च किए हैं। इस पर अदालत ने पूछा कि ये उतने ही साइज का माफीनामा है, जितना बड़ा आप विज्ञापन देते हैं? पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 30 अप्रैल की तारीख तय की।
न्यायालय ने रामदेव और बालकृष्ण को 16 अप्रैल को हिदायत दी थी कि वे एलोपैथी को नीचा दिखाने का कोई प्रयास नहीं करें। न्यायालय ने उन्हें पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापन के मामले में एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और पछतावा प्रकट करने की अनुमति दी थी। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह अभी उन्हें इस चरण में राहत नहीं देगी।
शीर्ष अदालत 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है।
Edited by : Nrapendra Gupta