वड़ोदरा। बैंक कर्मचारी संघों के एक साझा मंच ने सरकार के बैंकिंग सुधारों के खिलाफ 29 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने यहां जारी एक बयान में कहा कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के सदस्यों में 10 लाख की संख्या में बैंक अधिकारी और कर्मवारी शामिल हैं जो 29 अगस्त को हड़ताल पर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कल हैदराबाद में हुई यूएफबीयू की बैठक में यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि चूंकि सरकार का सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) के बैंकों को कम करने, पीएसयू बैंकों को अपर्याप्त पूंजी, बैंकों के आपस में विलय, निजी क्षेत्र को बैंक के अधिक लाइसेंस जारी करने, आईडीबीआई बैंक के निजीकरण और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में अधिक निजी पूंजी को अनुमति देने जैसे सुधारात्मक उपायों के साथ आगे बढ़ने का प्रस्ताव करती है, इसलिए यूएफबीयू ने अपना विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि निगमित कंपनियों का पक्ष लेने वाले ये सुधारात्मक उपाय तब किए जा रहे हैं जब बैंकों के 10,000 अरब रुपए के ऋण की वसूली नहीं हो पा रही है और इनमें से अधिकांश कंपनियों पर बकाया है।
चूक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने प्रश्न किया कि सरकार और रिजर्व बैंक उन 7,000 की संख्या में जानबूझकर चूक करने वालों के नाम प्रकाशित क्यों नहीं करती जिन पर करीब 60,000 करोड़ रुपए का बकाया है। (वार्ता)