वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने बुधवार को कहा कि कमजोर ऋण वृद्धि तथा बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के कारण बैंकों के मुनाफे में कमी का जोखिम है। इसके साथ ही आईएमएफ ने फंसे कर्ज की समस्या से निपटने के लिए अतिरिक्त और अधिक समयबद्ध कार्रवाई की मांग की है। आईएमएफ ने अपनी वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला है।
इसमें कहा गया है कि विशेषकर भारत जैसे उन देशों में जहां ऋण चक्र अंतिम चरण में है, बैंकों के समक्ष मुनाफे या वृद्धि में गिरावट का जोखिम है। इन देशों में ऋण वृद्धि में नरमी तथा एनपीए में वृद्धि गहरी है।
सार्वजनिक बैंकों सकल एनपीए 2014-15 में 2.67 लाख करोड़ रुपए था, जो कि 2015-16 में बढ़कर 4.76 लाख करोड़ रुपए हो गई। आईएमएफ ने गैर निष्पादित आस्तियों के मामले में त्वरित व पारदर्शी कदम उठाने का आह्वान किया है ताकि बैंकिंग प्रणाली में बेहतर हालात सुनिश्चित किए जा सकें।
इसमें कहा गया है कि भारत जैसे कुछ देश एनपीए घटाने के लिए कदम उठा रहे हैं, लेकिन अतिरिक्त व और समयबद्ध कदमों की जरूरत है। (भाषा)