2000 Rupee note : दिल्ली की कुछ बैंक शाखाओं में 2,000 रुपए के नोटों को छोटे मूल्य वर्ग के नोटों से बदलने के पहले दिन मंगलवार को छोटी कतारें देखी गईं। बैंक शाखाएं सुबह जब खुलीं तो नोट बदलने के लिए कोई खास भीड़ नहीं देखी गई। महानगरों में निजी क्षेत्र के बैंकों की शाखाओं में सामान्य रूप से कारोबार हुआ।
सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल बहुत अधिक भीड़ नहीं देखी गई है, क्योंकि नोट बदलने के लिए 4 महीने का समय है और 2,000 रुपए की मुद्रा भी चलन में अपेक्षाकृत कम है। पिछली बार 2016 में हुई नोटबंदी से अलग इस बार 2,000 रुपये के नोट कानूनी रूप से वैध बने हुए हैं।
अधिकारी ने कहा कि अभी शाखाओं में ज्यादा भीड़ नहीं है और मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार जमा स्वीकार की जा रही है।
इस बीच आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी है कि वे 2,000 रुपए का नोट बदलने या जमा करने आए लोगों को धूप के बचाने के लिए शेड का इंतजाम करें। साथ ही कतार में लगे लोगों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था की जाए।
उल्लेखनीय है कि 2016 में नोटबंदी के दौरान बैंकों में नोट बदलने के लिए कतारें लगी थीं और आरोप है कि इस दौरान कई ग्राहकों की मृत्यु भी हो गई थी। गत शुक्रवार को 2,000 रुपए के नोटों को वापस लेने की घोषणा के बावजूद यह वैध मुद्रा बना रहेगा। 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद ऐसा नहीं था।
रिजर्व बैंक द्वारा जारी अधिसूचना में कहा कि बैंकों को अपनी शाखाओं में इंतजार करने वाले ग्राहकों के लिए शेड और पानी की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। बैंकों को नोट बदलने की सुविधा सामान्य तरीके से काउंटर पर उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके अलावा बैंकों को रोजाना जमा किए जाने वाले और बदले जाने वाले 2,000 के नोटों का ब्योरा रखने को कहा गया है। (भाषा)