नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 'नीलकंठ' की तरह हैं, जो सबकुछ बर्दाश्त करते हैं लेकिन देश के लोगों को अमृत बांटते हैं। उन्होंने सदन में वित्त विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की तकदीर बदल गई है।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नीलकंठ की तरह हैं। वो (विपक्ष) जो भी कहेंगे, उसे ग्रहण कर लेंगे लेकिन सबको अमृत देंगे। अमृतकाल उनकी वजह से है। 2047 में हमारे बच्चे प्रधानमंत्री मोदी, उनके फैसलों को याद करेंगे। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई ने दावा किया कि यदि नरेन्द्र मोदी आज प्रधानमंत्री नहीं होते तो देश में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से अफरा-तफरी की स्थिति होती। बोम्मई ने कहा कि उन्होंने 10 साल में देश की तकदीर बदल दी।
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार की 2 नीतियां हैं- एक आम लोगों के लिए और दूसरी खास लोगों के लिए। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट कर में कटौती करने के बावजूद निवेश कम हो गया। हुड्डा ने दावा किया कि आज निजी निवेश दर निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है। उनका कहना था कि निवेश नहीं होने से बेरोजगारी बढ़ गई है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क को कम किया जाए। उन्होंने दावा किया कि बजट में हरियाणा के साथ सबसे ज्यादा सौतेला व्यवहार किया गया है। इस पर प्रतिवाद करते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि केंद्र सरकार की परियोजनाओं का लाभ हरियाणा को हुआ है तथा सदन में राजनीति करने की आवश्यकता नहीं है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि अगर ठेका प्रथा पर रोक नहीं लगी तो एक दिन सरकार भी ठेके पर चलने लगेगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि मजदूरों के खिलाफ लाई गई श्रमिक संहिता को वापस लिया जाए।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta