Oath ceremony Devendra Fadnavis on December 5: भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। फडणवीस ने बुधवार को नई सरकार के समक्ष चुनौतियों को रेखांकित किया और कहा कि लोगों की उम्मीदों को पूरा करना असली चुनौती होगी। शपथ ग्रहण समारोह से पहले राज्य भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उन पर भरोसा जताने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है। हमें और कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। लोगों ने हमसे जो उम्मीदें की हैं उसे पूरा करना चुनौतीपूर्ण होगा। लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हमें अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करना होगा।
मोदी हैं तो मुमकिन है : नागपुर के 54 वर्षीय राजनेता ने कहा कि ढाई साल हमें विपक्ष में रहना पड़ा, लेकिन एक भी विधायक ने हमें नहीं छोड़ा। हम 2022 में सत्ता में आए और अब हमने इस चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए फडणवीस ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझ जैसे व्यक्ति को जिसने पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम किया है, उसे तीसरी बार इस भूमिका में सेवा करने के लिए चुना। एक हैं तो सेफ हैं और मोदी हैं तो मुमकिन है।
5 दिसंबर को कौन-कौन लेगा शपथ : शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा कि पांच दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में केवल मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री ही शपथ लेंगे। मंत्रिमंडल और विभागों के संबंध में निर्णय बाद में लिया जाएगा। फडणवीस को सर्वसम्मति से महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया, जिससे उनके तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का रास्ता साफ हो गया।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कई मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। सामंत ने कहा कि मेरे पास अब जो जानकारी है उसके अनुसार फडणवीस, एकनाथ शिंदे और राकांपा प्रमुख अजित पवार शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि तीनों नेता राज्यपाल के पास जाने (राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने) से पहले मुलाकात करेंगे। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह से बातचीत करेंगे और फिर वे अगला निर्णय लेंगे।
उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे की इच्छा से कहीं अधिक पार्टी विधायक चाहते हैं कि वह (शिंदे) सरकार में हमारा नेतृत्व करें। शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनना चाहिए और यह शिवसैनिकों, विधायकों और सांसदों की इच्छा है। सामंत की इन टिप्पणियों से ऐसे संकेत मिलते हैं कि शायद शिंदे सरकार में शामिल होने के लिए उत्सुक नहीं हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala