CAA और NRC के विरोध को लेकर शुरु हुई सियासी लड़ाई में अब भगवा और मंत्रों की एंट्री हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भगवा धारण करने को टारगेट किए जाने के बाद देर रात दुर्गा मंत्र के जरिए अपने विरोधियों पर हमला बोला। उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा और उसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई पर अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सवाल उठा दिया है। प्रियंका गांधी ने हिंसा की न्यायिक जांच की मांग करते हुए उसमें बेकसूर और छात्रों को टारगेट किए जाने का आरोप लगाया।
प्रियंका गांधी ने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए उनके भगवा धारण करने पर हमला बोल दिया। प्रियंका ने कहा कि “सीएम योगी जी ने भगवा धारण किया है, ये भगवा आपका नहीं है, ये भगवा हिंदुस्तान की धार्मिक आध्यात्मिक पंरपरा का है। ये हिंदू धर्म का चिन्ह है उस धर्म को धारण करिए, उस धर्म में हिंसा,रंज और बदले की भावना की कोई जगह नहीं है”।
'सन्यासी' का पलटवार - भगवा को टारगेट किए जाते ही पूरी भाजपा प्रियंका पर बिफर पड़ी। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने प्रियंका पर हिंदू धर्म के अपमान करने का आरोप लगा दिया। वहीं प्रियंका के बयान पर मुख्यमंत्री योगी के दफ्तर ने ट्वीट कर लिखा कि सन्यासी की लोकसेवा और जन कल्याण के निरंतर जारी यज्ञ में जो भी बाधा उत्पन्न करेगा उसे दण्डित होना ही पड़ेगा। विरासत में राजनीती पाने वाले और देश को भुला कर तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले लोक सेवा का अर्थ क्या समझेंगे।
प्रियंका की शक्ति साधना - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से जवाब आने के कुछ घंटों के बाद दे रात प्रियंका गांधी ने एक तरह से इसक जवाब देते हुए अपने ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट से ॐ ऐँ ह्रीं क्लिं चामुँड़ायै विच्चै मंत्र ट्वीट किया। प्रियंका गांधी का यह मंत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस ट्वीट का जवाब माना जा रहा है जिसमें उन्होंने यज्ञ जारी रहने और उसमें बाधा उत्पन्न करने वालों को दण्डित होने की बात कही है।
प्रियंका के ट्वीट किए मंत्र का अर्थ – प्रियंका गांधी ने जिस ॐ ऐँ ह्रीं क्लिं चामुँड़ायै विच्चै मंत्र को ट्वीट किया है वह नवार्ण मंत्र है जो नवग्रहों को नियंत्रित करता है। मां दुर्गा की नौ शक्तियों को जागृत करने के लिए दुर्गा की नवार्ण मंत्र का जाप किया जाता है। नव का अर्थ नौ तथा अर्ण का अर्थ अक्षर होता है। नौ अक्षरों वालै नवार्ण मंत्र के एक-एख अक्षर का संबंध दुर्गी की एक-एक शक्ति से और उस एक –एक शक्ति का संबंध एक एक ग्रह से है। नवार्ण मंत्र के नौ अक्षरों में पहला अक्षर ऐं है जो सूर्य ग्रह को नियंत्रित करता है,दूसरा अक्षर हीं है जो चद्रंमा ग्रह को नियंत्रित करता है। इसके बाद नवार्ण मंत्र के अक्षर मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र,शनि, राहु तथा केतु ग्रहों क नियंत्रित करते है।