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ऐसे हैं हमारे देश के सांसद?

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, शुक्रवार, 22 जुलाई 2016 (15:11 IST)
नई दिल्ली। हमारे देश की सांसद में कितने गैर-जिम्मेदार लोग पहुंच जाते हैं जिन्हें संसद जैसी अहम संस्था की सुरक्षा को लेकर किसी तरह की कोई चिंता या भय नहीं। विशेष रूप से तब जबकि संसद पर एक बार पाकिस्तान की ओर से आतंकवादी हमला हो चुका है और सांसदों की सुरक्षा के लिए कई सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान भी दी थी, लेकिन हमारे देश के सांसदों को इस बात का अहसास नहीं है कि वे देश का कितना बड़ा अहित कर रहे हैं।  
मान ने घर से संसद जाने तक का पूरा लाइव वीडियो बनाकर उसे अपने फेसबुक पेज पर शेयर कर दिया। भगवंत मान के इस लाइव वीडियो ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं। इसके जरिए उन्होंने संसद की सुरक्षा-व्यवस्था को दुनिया के सामने दिखा दिया है। वीडियो में मान ने बताया कि संसद के अंदर कैसे दाखिल होते हैं, कहां-कहां गाड़ियों की चेकिंग होती है, जांच कैसे होती है और सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं? इन सभी बातों का मान ने वीडियो बनाते समय जिक्र किया है।
 
इसके साथ ही संसद में गाड़ी से दाखिल होते समय से लेकर अन्दर प्रश्न पूछने के लिए होने वाले ड्रॉ तक के नियम फेसबुक पर लाइव दिखा दिए। संसद के सिक्योरिटी गेटों से लेकर जीरो ऑवर में होने वाले प्रश्न के ड्रॉ को भी लाइव दिखाया। गौरतलब है कि संसद के अंदर वीडियोग्राफी नहीं हो सकती। सांसद मोबाइल तो अंदर ले जा सकते हैं, लेकिन वीडियो नहीं बना सकते और किसी को भी इस तरह से 'संसद की सुरक्षा का व्यवस्था का सीधा प्रसारण' नहीं है और अगर कोई ऐसा करता है तो यह आपराधिक कृत्य है। 
 
हमारे देश में पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था को जासूस भेजने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि आईएसआई और समेत दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी देने का जिम्मा तो 'आप' के देशभक्त नेताओं ने अपने हाथों में ले लिया है। क्या सांसद और पार्टी को पता नहीं है कि करगिल युद्ध के दौरान एक ख्यातनाम पत्रकार की सैटेलाइट फोन का उपयोग करने की मूर्खता ने सैनिकों की लोकेशन को जाहिर कर दिया था?  इन बंदरों का क्या किया जाए जिन्हें जनता नेता बना देती है और उन्हें अधिकारों का ऐसा उस्तरा पकड़ा देती है जिससे वे अपने सामने आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की नाक- कान काटने को स्वतंत्र हो जाते हैं? ऐसी स्वतंत्रता ने ही देश को हर मोर्चे पर खतरे में डाल रखा है लेकिन दुख की बात यह है कि इन 'जानकार लोगों' को अपनी गलती का भान तक नहीं होता। 
 
संसद के सभी सदस्यों का यह कहना सही है कि संसद की सुरक्षा की कमियों और खामियों को दुनिया को दिखाकर आप सांसद देश की कौन सी सेवा करना चाहते हैं? लोकसभा अध्यक्ष को इस मामले का संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। बेहतर को यह हो कि इस सारे मामले की जानकारी लोकसभा अध्यक्ष, राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को दी जाए और एक उच्च स्तरीय समिति से जांच कराकर ऐसे गैर-जिम्मेदार सांसदों की निरंकुश व्यवहार पर अंकुश लगाएं।   
 
 
लेकिन भगवंत मान इन आरोपों को खारिज करते हैं और उनका कहना है कि उन्होंने कहा 'क्या लोगों को ये बताना गैर कानूनी है कि संसद में उनकी समस्या को कैसे उठाया जाता है? बिल्कुल नहीं, इस तरह का वीडियो बनाकर पाकिस्तान और चीन की सुरक्षा एजेंसियों को उपलब्ध करा देना चाहिए?  उनका दावा है कि इससे संसद की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं हुआ और वह फिर संसद से फेसबुक लाइव करेंगे। यह कहना गलत न होगा कि देश की संसद में ऐसे सांसदों के होते हुए चरमपंथी‍ हमलों में भी सुगमता नहीं हो सकेगी?  
 
ऐसा वीडियो भी ऐसे समय ब्रॉडकास्ट किया गया है जब देश पहले ही आंतरिक और बाहरी खतरों से जूझ रहा है। कश्मीर घाटी जल रही है और पाकिस्तानी इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा रहे हैं। ऐसे मामले में यही उचित होगा कि ऐसे वीडियो को जब्त कर सुरक्षा अधिकारियों को सौंप दिया जाए या फिर लोकसभा स्पीकर की तरफ से बनाई गई संसदीय कमेटी को सौंपा जाए ताकि भविष्य में कोई भी सांसद इस तरह की मूर्खता न कर सके।
 
भाजपा की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि सुरक्षा एजेंसियों को भगवंत मान से पूछना चाहिए कि ऐसा उन्होंने अपने मन से किया है या फिर किसी और एजेंसी के कहने पर किया है। हाल ही में 
समाचार है कि लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस मामले को लेकर भगवंत मान को समन किया है। वहीं लोकसभा में भगवंत मान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया गया है। साथ ही इस मामले को लेकर सुरक्षा विभाग से भी इस पर रिपोर्ट मांगी जा सकती है।
 
वीडियो जारी करने के बाद भगवंत मान पर संसद की सुरक्षा को जोखिम में डालने के आरोप लग रहे हैं हालांकि भगवंत मान का कहना है कि उन्होंने उन लाखों लोगों को यह बताने की कोशिश की है कि संसद में काम कैसे होता है? इस मामले पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट किया है कि भगवंत मान के वीडियो पर हल्ला मचाने वालों को देश की जनता की समस्याओं की परवाह नहीं है, लेकिन इन नेताओं को यह नहीं पता कि इस तरह के वीडियो देश की स्वतंत्रता के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकते हैं?
 
सुरक्षा की कई परतों को पार करके शूट किए गए वीडियो में मान कह रहे हैं, 'कार लोकसभा में पंजीकृत है। इसमें एक सेंसर हैं, जिसमें वाहन का विवरण है। जैसे ही आप गेट के निकट पहुंचते हैं, सेंसर कार की पहचान करती है और कार के नाम और नंबर की घोषणा करती है।' कृत्य को उचित ठहराते हुए मान ने गुरुवार को कहा था कि उनकी मंशा यह दिखाने की थी कि कैसे शून्यकाल के प्रश्न जमा किए जाते हैं और अपने मुद्दों को उठाने की इच्छा रखने वाले सांसद लकी ड्रॉ के जरिए चुने जाते हैं।
 
संसद भवन में जहां मान स्पष्ट कर रहे हैं कि कैसे प्रक्रिया काम करती है, वहीं एक स्टाफ ने उनसे अनुरोध किया कि वह कुछ भी नहीं फिल्माएं लेकिन इस बात का उनपर कोई असर नहीं हुआ। वरन उन्होंने संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा, 'क्या मेरे वीडियो ने संसद को खतरे में डाल दिया है? कैसे यह अवैध है? मैं फिर से वीडियो बनाऊंगा और इसे डालूंगा?  नोटिस आने दें।' सांसदों ने मामले की जांच की मांग की।
 
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने मांग की कि मान से उनके कृत्य के लिए सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ करनी चाहिए। लेखी ने कहा, 'अगर ऐसा हुआ है तो वह सिर्फ मूखर्तावश या कुछ गैर जिम्मेदार ताकतों के इशारे पर हुआ है। भगवंत मान से सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ करनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'जो लोग संसद में आते हैं उन्हें संसद में कोई कैमरा या पेन ड्राइव लेकर आने की अनुमति नहीं है। सिर्फ सांसदों और कुछ पुलिस अधिकारियों के पास वह विशेषाधिकार है। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए, खासतौर पर संसद पर आतंकवादी हमले के बाद।' 
 
कांग्रेस सांसद पीएल पूनिया ने कहा कि यह कृत्य सुरक्षा का उल्लंघन है। इस कृत्य को अनुचित बताते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने उम्मीद जताई कि लोकसभा अध्यक्ष इस संबंध में समय पर और उचित कदम उठाएंगे। जद (यू) सांसद केसी त्यागी ने कहा कि 'वह आश्चर्यचकित हैं, क्योंकि वीडियो ने सुरक्षा की कमियों का खुलासा किया है।' त्यागी ने कहा, 'मैं वीडियो से आश्चर्यचकित हूं। लोकसभा अध्यक्ष ने संसद की सुरक्षा पर एक समिति बनाई है और वह अपनी रिपोर्ट सौंपेगी,लेकिन हम कमियों के कारण डरे हुए हैं। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री से हमारा अनुरोध है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराएं।' त्यागी ने कहा कि 'इस बात पर चर्चा हो सकती है कि क्या उन्होंने प्रचार पाने के लिए ऐसा किया या वह सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट करना चाहते थे।'
 
इसे लेकर विभिन्न दलों के सांसदों ने उनकी आलोचना करते हुए उनके कृत्य को सुरक्षा का उल्लंघन बताया है। दुनिया में जिम्मेदार जगहों पर भी ऐसे मूर्ख और गैर-जिम्मेदार लोग आ जाते हैं जोकि सिर्फ अपने प्रचार के आगे कुछ देख नहीं पाते हैं। यह देश के लिए बेहतर होगा कि उन्हें संसद से बाहर किया जाए और वे मसखरी करने का धंधा फिर से चालू करें। 
 
भाजपा सांसद किरीट सोमैया समेत तीन सांसदों ने भगवंत मान के खिलाफ शुक्रवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। गौरतलब है कि भगवंत मान ने संसद परिसर के अंदर सुरक्षा जांच और शून्य काल की प्रक्रिया को लेकर एक वीडियो अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया था। इस पर विवाद हो गया है। उन पर संसद की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लग रहे हैं।
 
हालांकि मान ने कहा है कि उनका मकसद शून्य काल की प्रकिया के बारे में लोगों को जागरूक करना है। अहम सवाल यह है कि जो सांसद अपनी जिम्मेदारियों को लेकर ही जागरूक नहीं है वह लोगों को किस तरह की और कैसी जिम्मेदारी का पाठ पढ़ा रहा है। संसद किसी टीवी या फिल्म का शो नहीं है जहां हर समय मसखरी की गुंजाइश हो, इसलिए आम लोगों को भी समझ लेना चाहिए कि वे ऐसे विचारहीन और गैर-जिम्मेदार लोगों को अपना सांसद कभी नहीं चुनें।

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