Bharat Atta : मोदी सरकार ने दिवाली से पहले आम लोगों को महंगाई से राहत देते हुए बाजार में गेहूं का सस्ता आटा बेचने का फैसला किया है। बाजार में फिलहाल गेहूं का ब्रांडेड आटा 35 से 45 रुपए किलो मिल रहा है। आटे के बढ़े दामों को देखते हुए सरकार ने इसे 27.5 रुपए किलो बेचने का फैसला किया है। भारत आटा के नाम से एक नया ब्रांड भी लांच कर दिया गया है जिसे नेफेड के सेंटर से ही खरीदा जा सकेगा।
यह आटा 10 और 30 किलो के पैकेट में उपलब्ध है। आप भी बाजार में तय दुकानों से इसे आसानी से खरीद सकते हैं। हर व्यक्ति को तय मात्रा में ही सस्ता आटा मिलेगा। इसके लिए विक्रेता आपका नाम और मोबाइल नंबर नोट कर सकता है।
कहां से खरीदें भारत आटा : भारत आटा सहकारी समितियों नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के माध्यम से देशभर में 800 मोबाइल वैन और 2,000 से अधिक दुकानों के माध्यम से बेचा जाएगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली के कर्तव्य पथ से आटे से भरी 100 मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाई। ये गाड़ियां दिल्ली एनसीआर में रियायती दर पर भारत आटा का वितरण करेगी। बाद में इसे खुदरा दुकानों से भी बेचा जाएगा।
गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक : संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया के लगभग 80 देशों में गेहूं की खेती होती है। चीन के बाद भारत गेहूं का दुनिया में सबसे ज्यादा उत्पादन करता है। यहां लगभग 1.18 बिलियन टन गेहूं का उत्पादन होता है। सरकार ने घरेलू बाजारों में इनकी बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए पहले ही दोनों अनाजों के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है। ऐसे में सरकार की सस्ते आटे वाली योजना से किसानों के साथ ही आम लोगों को भी फायदा होगा।
प्याज और दाल भी सस्ती : इससे पहले सरकार Bharat Brand के नाम से सस्ती दाल भी बेच रही है। लोग 60 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से चना की दाल, 25 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्याज खरीद सकते हैं। सरकार ने इसी तरह टमाटर को भी सस्ते दामों में बेचा था।
सरकार ने क्यों दी राहत : देश में लगातार बढ़ रही महंगाई को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को कटघरे में ले रहा है। कभी टमाटर, कभी प्याज, कभी दाल तो कभी आटा सरकार के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। इन वस्तुओं को बढ़ते दामों की वजह से रिजर्व बैंक को भी महंगाई दर को नियंत्रित करने में परेशानी होती है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की मुफ्त राशन योजना को अगले 5 साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया था। इससे 80 करोड़ लोगों को फायदा होने की बात भी कही गई थी। इस योजना को कोरोना काल में शुरू किया गया था।
Edited by : Nrapendra Gupta