पेरिस। भारत में जल्द ही कोरोना के इलाज के लिए नेजल वैक्सीन (Nasal Vaccine) आ सकती है। 'Covaxin' निर्माता कंपनी भारत बायोटेक के अध्यक्ष डॉ. कृष्णा एला ने शनिवार को कहा कि COVID-19 की नेजल वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है और कंपनी अगले महीने सारा डेटा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को जमा कर देगी। अगर सब कुछ सही रहा तो ये कोरोना से लड़ने के लिए दुनिया की पहली प्रमाणित नेजल वैक्सीन होगी।
क्या है नेजल वैक्सीन?
नेजल वैक्सीन नाक के रास्ते से लगाई जाती है। आमतौर पर इसे बिना सुई के छोटे इंजेक्शन से नाक के किसी हिस्से पर स्प्रे किया जाता है, जिसके बाद ये सीधे श्वसन प्रणाली (Respiratory System) में जाकर अपना काम करती है। 1-2 हफ्तों में इसका असर दिखने लग जाता है।
बता दें कि इस साल जनवरी में DGCI ने भारत बायोटेक को नेजल वैक्सीन का परिक्षण करने की अनुमति दी थी। जिसके बाद 4 महीनों के भीतर कंपनी ने विभिन्न मापदंडों के तहत वैक्सीन की ट्रायल प्रक्रिया पूरी की। माना जा रहा है कि DGCI से हरी झंडी मिलने के बाद ये वैक्सीन दिसंबर 2022 तक भारत में उपयोग की जा सकती है।
डॉ एला ने ये बात पेरिस में आयोजित वीवाटेक 2022 सम्मलेन में की, जिसमे भारत को 'Country of the Year' चुना गया। एला ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन का बूस्टर डोज बहुत जरूरी है। खासकर वयस्कों को वैक्सीन की तीसरी खुराक लेनी ही चाहिए। COVID-19 को 100 प्रतिशत समाप्त नहीं किया जा सकता है। यह आने वाले कुछ वर्षों तक हमारे बीच रहेगा और हमे इससे बचना सीखना होगा।
डॉ एला ने कहा कि देखा जाए तो टीकाकरण से कोरोना संक्रमण की गति धीमी हुई है। लेकिन, हमारी जरा सी लापरवाही फिर से बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है। इसलिए हमे मिलकर इसके खिलाफ जंग जारी रखनी होगी। मेरा ऐसा मानना है कि नेजल वैक्सीन कोरोना के उपचार के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी।