लखनऊ। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में की छात्रा से छेड़खानी के बाद विद्यार्थियों के उपद्रव की घटना मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। बीएचयू में हिंसक वारदात और शांति भंग के आरोपों में 1200 अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एहतियातन 5 अक्टूबर 2017 तक बीएचयू को बंद कर दिया गया है।
इसके अलावा शासन के आदेश पर वाराणसी के लंका इलाके के लंका थाने के इंचार्ज (SO), भेलूपुर के सीओ और एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट (ACM) को हटा दिया गया है। योगी आदित्यनाथ ने कमिश्नर और ADG से रिपोर्ट मांगी है।
कुलपति प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि उपद्रव की घटना बाहरी लोगों की देन है। हमारे विश्विद्यालय के छात्रावास में करीब 25 हजार छात्र रहते हैं और हमें इस बात की खुशी है, वे उपद्रव में शामिल नहीं थे। कुछ लोगों को विश्विद्यालय मान लेना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा की विश्विद्यालय में बाहरी लोगों का प्रवेश तब से है जब से विश्विद्यालय बना है। अब हम कोशिश करेंगे की विश्विद्यालय परिसर में बाहर के लोगों का आना जाना बंद किया जाए।
इस बीच छात्राओं के प्रति समर्थन जताने वाराणसी पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और वरिष्ठ नेता पी.एल. पुनिया को पुलिस ने शहर में प्रवेश करते ही हिरासत में ले लिया। शनिवार (23 सितंबर) के पुलिस लाठीचार्ज, गोलीबारी, पथराव और आगजनी के बाद रविवार सुबह भी बीएचयू के बाहर अशांति का माहौल रहा। सिंह द्वार पर छात्राओं का धरना जारी रहा। छात्राओं के समर्थन में बीएचयू छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष और वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा भी धरने में शामिल हुए।
छेड़खानी की एक घटना के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने शनिवार रात वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंसक रूप ले लिया था। इस दौरान पुलिस के लाठीचार्ज में महिलाओं समेत कई छात्र और दो पत्रकार भी घायल हुए हैं. हिंसा के मद्देनजर विश्वविद्यालय ने कल से दो अक्तूबर तक छुट्टियों की घोषणा कर दी है. पहले विश्वविद्यालय में पहले 28 सितंबर से छुट्टी होने वाली थी।
बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में छात्रा से छेड़खानी के विरोध में दो दिनों के धरना-प्रदर्शन के बाद शनिवार देर रात छात्र-छात्राएं उग्र हो गए। हालात बिगड़ता देख यूनिवर्सिटी को 2 अक्टूबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। शनिवार रात करीब 10 बजे वे कुलपति जीसी त्रिपाठी के आवास के पास आकर प्रदर्शन करने लगे। उन्हें वहां से हटाने के लिए लाठीचार्ज किया गया। गुस्साए छात्र-छात्राओं ने पथराव शुरू कर दिया। मीडिया खबरों अनुसार इस घटना में कई छात्र-छात्राएं और यूनिवर्सिटी के सुरक्षा गार्ड्स घायल हो गए हैं। आरोप है कि देर रात बीएचयू हॉस्टल से पेट्रोल बम भी फेंके गए।
सूचना के बाद मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए। बेकाबू छात्रों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। पूर यूनिवर्सिटी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। छात्राओं का कहना है कि पुलिस ने उनपर भी लाठीचार्ज किया। जिले के डीएम और एसएसपी लगातार मौके का मुआयना कर रहे हैं।
वाराणसी के एसएसपी आरके भारद्वाज ने कहा कि बीएचयू में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और एसपी (सिटी) दिनेश सिंह घटनास्थल पर मौजूद हैं। वहीं, कुलपति ने इस घटना की जांच के लिए एक कमिटी का गठन किया है।
छात्राओं का आरोप है कि बीएफए थर्ड ईयर की छात्रा करीब शाम सात बजे त्रिवेणी कॉम्प्लेक्स स्थित अपने हॉस्टल लौट रही थी। तभी मोटर साइकल सवार दो बदमाशों ने उनके साथ छेड़खानी की। विरोध करने पर लोग अपशब्द बोलते हुए भाग निकले। यूनिवर्सिटी प्रशासन से शिकायत करने पर उन्होंने कहा कि शाम को बाहर जाने की क्या जरूरत थी। इसके बाद से लगातार छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन जारी है। पीड़ित छात्रा ने विरोध जताने के लिए अपने बाल मुड़वा लिए हैं।
छात्राओं का कहना है की आए दिन हमारे साथ छेड़खानी की घटनाएं होती रहती है और शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इस बीच जिला प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। मुख्य प्रॉक्टर ओ एन सिंह ने कहा कि छात्राओं से बातचीत कर समझाने का प्रयास किया जा रहा है। सभी दोषी लड़कों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।