नई दिल्ली। दिल्ली एम्स में सर्जरी के लिए भर्ती मरीज के सामने काफी परेशानी दरपेश आई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अगर बेड पर पड़े मरीज की सर्जरी के लिए उसे बेहोश कर दिया गया हो, तभी डॉक्टर, नर्स या सर्जरी से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण स्टाफ कह दे कि वो हड़ताल पर जा रहे हैं तो कैसी स्थिति पैदा होगी?
यह कोरी कल्पना नहीं है। ऐसा हैरतअंगेज वाकया देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सामने आया है। अब इस पर भी विचार कीजिए कि डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ अपनी सुरक्षा को लेकर कितना चिंतित रहते हैं। वो अस्पतालों की सिक्यॉरिटी बढ़ाने और मरीज के परिजनों के आक्रामक रवैये से खुद के बचाव के लिए कड़े कानूनों की मांग करते रहते हैं।
देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान एम्स को अपने वर्क कल्चर के लिए जाना जाता है, लेकिन शुक्रवार को संस्थान में नर्सिंग स्टाफ ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि लगभग 80 से ज्यादा सर्जरी टालनी पड़ी। सर्जरी के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी थी, कुछ मरीजों को एनेस्थीसिया तक दिया जा चुका था, लेकिन नर्सिंग स्टाफ ने ओटी में डयूटी करने से मना कर दिया जिसकी वजह से न केवल सर्जरी टली, बल्कि मरीजों को मानसिक प्रताड़ना सहना पड़ा बल्कि उनकी जिंदगी भी खतरे में आ गई थी।
ऐसा पहली बार हुआ कि एम्स प्रशासन को न केवल इसे लीड करने वाली नर्सिंग स्टाफ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, बल्कि पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई है। नर्सिंग स्टाफ के इस व्यवहार से डॉक्टर, कर्मचारी और कुछ दूसरे नर्सिंग स्टाफ भी हैरान हैं और इस मामले में सख्त एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं।