Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, मुठभेड़ में 31 नक्‍सली ढेर, 48 घंटे चला 1500 जवानों का अभियान

हमें फॉलो करें छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, मुठभेड़ में 31 नक्‍सली ढेर, 48 घंटे चला 1500 जवानों का अभियान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

दंतेवाड़ा , शनिवार, 5 अक्टूबर 2024 (17:51 IST)
Encounter with Naxalites in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले की सीमा में सुरक्षाबलों के लगभग 1500 जवानों ने 48 घंटे तक चले नक्सल विरोधी अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया। राज्य गठन के बाद से यह पहली बार है जब सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों को मार गिराया है। नक्सलियों के शव दंतेवाड़ा लाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सफल अभियान के लिए सुरक्षाबलों की सराहना की।
 
पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से यह पहली बार है जब सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों को मार गिराया है। इससे पहले अप्रैल माह में कांकेर जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में उच्च पदस्थ कैडर सहित 29 नक्सलियों को मार गिराया था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना और नारायणपुर जिले के ओरछा थाना क्षेत्र के अंतर्गत गवाड़ी, थुलथुली, नेंदूर और रेंगावाया गांव के मध्य पहाड़ी पर माओवादियों के कंपनी नंबर छह तथा पूर्वी बस्तर डिवीजन आदि के नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी।
 
सूचना के बाद बृहस्पतिवार को दोपहर बाद दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले से डीआरजी और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के लगभग 1500 जवानों को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था। दंतेवाड़ा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरके बर्मन ने बताया कि तीन अक्टूबर को शुरू किया गया यह अभियान दो दिनों तक चला और यह राज्य में अब तक का सबसे बड़ा सफल नक्सल विरोधी अभियान साबित हुआ।
बर्मन ने बताया कि शुक्रवार दोपहर लगभग एक बजे सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई और देर शाम नेंदूर और थुलथुली गांवों के बीच जंगल में समाप्त हुई। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मुठभेड़ स्थल से 28 नक्सलियों के शव बरामद किए गए थे, जबकि शनिवार को तीन और शव बरामद किए गए। मारे गए नक्सली 'वर्दी' में थे।
 
पुलिस अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने तलाशी अभियान में मदद की और नक्सलियों के शव दंतेवाड़ा लाए जा रहे हैं। बर्मन ने बताया कि मुठभेड़ स्थल तक पहुंचने के लिए खेतों और कच्चे रास्तों से मोटरसाइकल पर लगभग 10 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है तथा करीब 12 किलोमीटर पहाड़ी रास्तों पर चढ़ना पड़ता है। कुछ स्थानों पर नक्सलियों के पोस्टर भी देखे जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इंद्रावती एरिया कमेटी, पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) कंपनी नंबर छह और माओवादियों के प्लाटून 16 का गढ़ माने जाने वाले इस इलाके में प्रवेश करने के लिए छिंदनार गांव में इंद्रावती नदी से होकर गुजरना पड़ता है, जहां एक किलोमीटर से अधिक लंबा पुल बनाया गया है।
 
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया, नक्सलियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि वे पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) कंपनी नंबर छह, माओवादियों के प्लाटून 16 और माओवादियों के पूर्वी बस्तर डिवीजन के थे।
सुंदरराज ने कहा कि पुलिस को डीकेएसजेडसी (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) के सदस्य कमलेश, नीति, कमांडर नंदू जैसे बड़े नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी। वे मारे गए लोगों में शामिल हैं या नहीं, यह उनकी पहचान सुनिश्चित होने के बाद पता चलेगा।
 
अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान माओवादियों द्वारा दागे गए अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) के एक गोले में विस्फोट होने से राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान घायल हो गया। पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि सुरक्षाबलों ने शवों के साथ मुठभेड़ स्थल से एके-47 राइफल, एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल), इंसास राइफल, एलएमजी राइफल और .303 राइफल समेत हथियारों का जखीरा भी बरामद किया है।
 
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सफल अभियान के लिए सुरक्षाबलों की सराहना की है और कहा है कि 'डबल इंजन' सरकार (राज्य और केंद्र में भाजपा सरकार) नक्सली खतरे को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मुठभेड़ के बाद इस वर्ष अब तक दंतेवाड़ा और नारायणपुर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने 188 माओवादियों को मार गिराया है। इससे पहले 16 अप्रैल को कांकेर जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे, जिनमें कुछ उच्च पदस्थ नक्सली भी शामिल थे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

10 साल में 65 हजार Cyber Fraud, इंदौर में ही Digital Arrest की 27 केस, तैयार होंगे 5 हजार सायबर कमांडो