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जनरल रावत के बयान पर बवाल, यह बोली सेना...

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, गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018 (19:03 IST)
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बांग्लादेश से सुनियोजित तरीके से पूर्वोत्तर के राज्यों में अवैध आव्रजन के बारे में दिए गए बयान की आलोचना पर सेना ने कहा है कि इसे राजनीतिक या धार्मिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।
 
 
सेना के सूत्रों ने कहा है कि जनरल रावत ने बुधवार को पूर्वोत्तर के बारे में आयोजित एक सेमिनार में कहा था कि पूर्वोत्तर की समस्या को समझने की जरूरत है। क्या यह समस्या पहचान, विकास, सुरक्षा या आबादी के अनुपात से जुड़ी है।
 
उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि ये सभी बातें सही हैं, इसलिए इसके सभी पहलुओं को समग्रता में देखा जाना चाहिए। सेना प्रमुख ने कहा कि जब हम 'एक्ट ईस्ट' नीति की बात करते हैं तो इन सभी समस्याओं का समाधान होना चाहिए। 
 
पहचान की समस्या पर अपनी बात को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि आज मणिपुर के कुछ छात्रों ने उनसे मुलाकात की और बताया कि वे दिल्ली में घूमे लेकिन लोगों को ऐसा लगा जैसे कि वे विदेशी हों। हमें उन्हें साथ लेकर चलना होगा।
 
बांग्लादेश से अवैध आव्रजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा यह दो कारण से हो रही है। पहला बांग्लादेश में जगह की कमी है, इसके बड़े क्षेत्र में बाढ़ आ जाती है, इसलिए लोगों को पलायन करना होता है। दूसरा सुनियोजित आव्रजन, जो इस मुद्दे का अलग आयाम है।
 
उन्होंने कहा कि यह हमारे 'पश्चिमी पड़ोसी' द्वारा किया जा रहा है और 'उत्तरी पडोसी' द्वारा इसका समर्थन किया जा रहा है। इसलिए पूर्वोत्तर का विकास इस समस्या का समाधान करने की कुंजी है। पूर्वोत्तर के राज्यों की समस्या का समाधान लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़कर किया जा सकता है। 
 
क्या कहा सेना प्रमुख ने : सेना प्रमुख ने कहा कि एक पार्टी है एआईयूडीएफ जो भारत में जनसंघ की तुलना में तेजी से बढ़ी है। ये पार्टी असम में उस गति से कहीं तेज गति से बढ़ी है जिससे जनसंघ देश में बढ़ा है। इन लोगों को साथ लेकर चलना समस्या का समाधान है। ये लोग हमारे साथ रहेंगे। इन्हें अपने साथ मिलाना होगा।

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