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PK के बाद भाजपा का नया चाणक्य RS

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, शुक्रवार, 20 मई 2016 (18:31 IST)
असम में भाजपा को फर्श से अर्श पर पहुंचने में चुनाव रणनीतिकार रजत सेठी की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव में चमत्कारी जीत दिलाने वाले प्रशांत किशोर ने पाला बदलकर नीतीश को बिहार में चुनावी जीत दिलाई थी। लेकिन भाजपा को अब नया चाणक्य मिल गया है।
 
अब तक के इतिहास में भाजपा ने असम में पहली बार जीत का झंडा फहराया। पार्टी ने राज्य की 126 सीटों में से 86 पर जीत दर्ज की। खास बात यह है कि भाजपा पूर्वोत्तर राज्य में पहली बार सरकार बनाएगी। इस जीत का श्रेय जहां संघ के जमीनी कार्यकर्ताओं, सर्वानंद सोनोवाल और हिमंत विश्व शर्मा को दिया जा रहा हैं, वहीं चुनावी रणनीतिकार रजत सेठी की भी इस जीत में अहम् भूमिका रही है।
 
रजत की टीम की मेहनत का नतीजा यह रहा कि भाजपा अब नॉर्थ ईस्ट में पहली बार किसी राज्य में सरकार बनाने जा रही है। कानपुर के रहने वाले रजत सेठी ने आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की है। बाद में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में ग्रेजुएशन किया। उनके परिवार की संघ से करीबी रही है। 
 
कौन है रजत सेठी : आईआईटी, एमआईटी और हार्वर्ड की डिग्री लिए 30 वर्षीय रजत सेठी की अकादमिक उपलब्धियां शानदार हैं। हिलेरी क्लिंटन के लिए कैम्पेन चला चुके रजत ने बीते साल नवंबर में भाजपा के लिए असम में कैम्पेन शुरू किया था। रजत 2012 में पढ़ाई के लिए अमेरिका गए। 2014 में रजत हार्वर्ड इंडिया एसोसिएशन के लिए इवेंट्स कराते थे। कानपुर के रहने वाले रजत सेठी ने आइआइटी खडग़पुर से पढ़ाई की है। इसके बाद वे पब्लिक पॉलिसी में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने अमेरिका चले गए थे। रजत वर्ल्ड बैंक में भी काम कर चुके हैं। 
 
2014 में अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान रजत सेठी की मुलाकात भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव से हुई। इसके बाद वे एक दूसरे के संपर्क में रहे। इस बीच राम माधव को रजत सेठी की रणनीतिक क्षमता का अंदाजा लग चुका था। इसीलिए उन्होंने असम चुनाव में प्रशांत किशोर की तर्ज पर रजत को जिम्मेदारी सौंप दी। 2015 में पढ़ाई पूरी करने के बाद माधव के कहने पर रजत भारत लौटे और भाजपा से जुड़ गए।
 
कुछ इस तरह कार्य किया रजत ने : रजत ने टीम बनाने की शुरुआत की। रजत की 6 लोगों की टीम में आशीष सोगानी, महेंद्र शुक्ला, शुभ्रास्था और आशीष मिश्रा थे। शुभ्रास्था पहले प्रशांत की टीम में थीं। 2015 में बिहार में महागठबंधन को लेकर उनके प्रशांत से मतभेद हुए और फिर वे उनकी टीम से अलग हो गईं।
 
हार्वर्ड के केनेडी स्कूल से सीखीं चीजों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने सार्वजनिक संवाद के लिए एक पूरी सीरीज-आपसी बातचीत, असम निर्माण पर बैठकें आदि शुरू कीं, जिसमें अरुण जेटली जैसे शीर्ष केंद्रीय मंत्री रोजगार निर्माण और महिला अधिकारों और टी एस्टेट के श्रमिकों के लिए बेहतर नीतियों के जरिये पूर्वोत्तर का विकास करने के बारे में जानकारी देते थे।
 
रजत बताते हैं कि उन्होंने फेसबुक और ट्वटिर के जरिये नई नीतियों की जानकारी लेकर लोगों के उनके बारे में राय जानी और फिर इनका उपयोग जमीनी अभियान में किया। वैसे, रजत कहते हैं कि आईटी केवल इतना ही कर सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा ने असम में जबरर्दस्त सफलता करिश्माई सर्वानंद सोनोवाल और हिमंत विश्व शर्मा की जोड़ी के ही कारण ही हासिल की है।

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