भाजपा नेता बावनकुले का दावा, उद्धव ठाकरे की शिवसेना को हुआ गलती का अहसास, 2019 में की थी बड़ी भूल
शिवसेना यूबीटी ने छोड़ा महागठबंधन का साथ, पार्टी अकेले लड़ेगी स्थानीय निकाय चुनाव
Maharashtra Politics : भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और फडणवीस सरकार में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा किया कि शिवसेना यूबीटी ने आगामी नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला इसलिए किया है कि पार्टी को यह अहसास हो गया है कि 2019 में भाजपा से नाता तोड़कर कांग्रेस के साथ गठबंधन करना एक बड़ी भूल थी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विपक्षी महा विकास आघाडी (MVA) की हार को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच, इसके प्रमुख घटक दल शिवसेना (यूबीटी) ने दिन में घोषणा की कि वह स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने अकेले चुनाव लड़ने के फैसले के लिए गठबंधन में शामिल दलों के कार्यकर्ताओं के लिए अवसरों की कमी और संगठनात्मक विकास के अधिकार को कारण बताया।
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष बावनकुले ने कहा कि शिवसेना को 2019 में भाजपा और देवेंद्र फडणवीस के बजाय कांग्रेस को चुनने की अपनी गलती का अहसास हो गया है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को अहसास हो गया है कि कांग्रेस की विचारधारा उसे आगे नहीं ले जा सकती है।
उद्धव ने 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के साथ कई दशक पुराना गठबंधन तोड़ दिया था और दावा किया था कि भाजपा ने मुख्यमंत्री पद साझा करने का वादा को पूरा नहीं किया इसलिए वह अलग हो रही है। उन्होंने कांग्रेस और (अविभाजित) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन किया और 2019 से 2022 तक मुख्यमंत्री रहे।
बावनकुले ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए राजी करने की पूरी कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र से लेकर पंचायत स्तर तक एक ही विचारधारा वाली एक पार्टी या गठबंधन सत्ता में है, तो विकास के लिए रखा गया एक-एक पैसा दिल्ली से जमीनी स्तर तक पहुंचता है।
edited by : Nrapendra Gupta