भुवनेश्वर। देश की राजनीतिक आर्थिक स्थिति पर विचार करने तथा पिछले 17 वर्षों से ओडिशा में बीजद के शासन से ऊब चुके लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शनिवार से शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक के लिए इस शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
वर्ष 2000 से चल रही नवीन पटनायक सरकार के कामकाज से लोगों में पहले ही नाराजगी है तथा हाल के नगर निकाय चुनाव में भाजपा को मिली भारी सफलता से उत्साहित इस पार्टी की इस राज्य में 20 वर्ष बाद हो रही कार्यकारिणी की बैठक के लिए इस शहर के चप्पे-चप्पे को तोरणद्वारों और फूलमालाओं से सजाया गया है।
हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से चलने वाली तमाम सड़कों पर बने तोरणद्वारों और उसके आसपास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के कटआउट लगाए गए है। बड़े-बड़े होर्डिंग्स पर प्रधानमंत्री और शाह के चित्र लगाए गए है तथा उड़िया भाषा में उनका स्वागत किया गया है।
कुछ तोरणद्वारों पर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तस्वीर लगाई गई है और उनका अभिनंदन किया गया है। शहर के अनेक हिस्सों को रंगीन बिजली के बल्ब से सजाया गया है। शहरों में भाजपा के बढ़ते प्रभाव से उत्साहित युवा और पार्टी कार्यकर्ता बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर आने वाले भाजपा नेताओं का फूलमालाओं और तिलक आरती करके स्वागत कर रहे हैं।
दो दिवसीय इस बैठक में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव की सफल रणनीति को दूसरे राज्यों में अपनाने पर भी विचार किए जाने की उम्मीद है। बैठक में गरीबों के कल्याण के लिए चलाई जा रही मोदी सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को आम लोगों तक पहुंचाने के तौर-तरीकों पर भी पर भी विचार किया जाएगा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बैठक में मोदी और शाह के अलावा पार्टी मार्गदर्शक मंडल के नेताओं, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू, वित्तमंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्रियों, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्षों तथा कार्यकारिणी के सभी सदस्य हिस्सा लेंगे। बैठक में मोदी और शाह के संबोधन के अलावा राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को लेकर कई प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे।
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ओडिशा में 20 साल बाद बैठक हो रही है। इससे पहले 1997 में भुवनेश्वर में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी हुई थी। उसके बाद राज्य में भाजपा और बीजेडी के बीच गठबंधन हुआ था। बीजेडी न सिर्फ वाजपेयी सरकार में शामिल हुई थी बल्कि राज्य में भी गठबंधन की सरकार ही बनी थी लेकिन बाद में यह गठबंधन टूट गया था।
एक टैक्सी चालक ने बताया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ईमानदार हैं लेकिन उनके मंत्रिमंडल के सदस्य सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। इस परिवार का राज्य में 17 साल से शासन चल रहा है लेकिन युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। इस राज्य के लोगों को काम के लिए दक्षिण भारत के राज्यों में जाना पड़ता है।
भाजपा के युवा नेता हसमुख मिश्रा और तापिर गांव ने कहा कि ओडिशा में कांग्रेस कमजोर है और यह सत्ता विरोधी लहर है जिसका लाभ पार्टी को 2019 के विधानसभा चुनाव में निश्चित रूप से मिलेगा। भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत गांव में गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जा रहा है जिसका फायदा पार्टी को मिलेगा। इससे आदिवासी क्षेत्रों में लकड़ी काटने की समस्या का भी समाधान होगा।
प्रधानमंत्री इस बैठक में शामिल होने के लिए शनिवार को यहां आ रहे हैं। उनके 11वीं शताब्दी के प्रसिद्ध लिंगराजा मंदिर में दर्शन के लिए जाने की संभावना है। इसके मद्देनजर शहर में व्यापक पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद बीजद सरकार ने कार्यकारिणी में आ रहे सभी केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को राजकीय अतिथि घोषित किया है। (वार्ता)