BJP took a dig at the Congress-AAP alliance : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए गुजरात में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच सीट बंटवारा समझौते पर कटाक्ष करते हुए शनिवार को कहा कि जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कर एक अंधे और लंगड़े ने हाथ मिला लिया है।
सीट-बंटवारा समझौते के अनुसार, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) भरूच और भावनगर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस बाकी 24 सीट पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि आप और कांग्रेस जमीनी हकीकत देखे बिना चुनाव जीतने का सपना देख रहे हैं।
पाटिल ने 2022 के गुजरात विधानसभा चुनावों के मतदान प्रतिशत का हवाला देते हुए दावा किया कि गठजोड़ (कांग्रेस-आप) इन दो लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में जीतने से कोसों दूर है। भाजपा ने 2019 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में लोकसभा की सभी 26 सीट पर जीत हासिल कर ली थी और कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
पाटिल ने कहा, कोई भी गठबंधन भाजपा को (लोकसभा की) सभी 26 सीट जीतने से नहीं रोक सकता और वह भी 5 लाख से अधिक मतों के अंतर से। मेरा मानना है कि कांग्रेस और आप अभी भी सपने देख रही हैं और वे जमीनी हकीकत समझने के लिए तैयार नहीं है।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 17 और आप को 5 सीट पर ही जीत मिली थी : वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने 156 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी थी। राज्य की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस को केवल 17 और आप को 5 सीट पर ही जीत मिली थी। पाटिल ने कहा कि भरूच निर्वाचन क्षेत्र में, भाजपा को 51 प्रतिशत वोट मिले थे, जो कांग्रेस (लगभग 26 प्रतिशत) और आप (13 प्रतिशत) को संयुक्त रूप से मिले मतों से 12 प्रतिशत अधिक है।
पाटिल ने कहा, पिछले विधानसभा चुनावों में भरूच निर्वाचन क्षेत्र के तहत सात क्षेत्रों में से चार में आप के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। भावनगर भी भाजपा का गढ़ है, जिसे पार्टी वर्षों से जीत रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन एक अंधे और लंगड़े के बीच बनी सहमति की तरह है, जिसमें अंधा व्यक्ति, लंगड़े व्यक्ति को अपने कंधे पर बैठने देता है।
ऐसी ही स्थिति गुजरात में देखने को मिलेगी : उन्होंने कहा, लंगड़े व्यक्ति ने आग से बचने में मदद की और एकसाथ भीख मांगकर पैसे कमाने की युक्ति बताई। बाद में अंधे व्यक्ति को लगा कि उसके कंधे पर बैठे लंगड़े व्यक्ति का वजन बढ़ रहा है और उसे ठगा हुआ महसूस हुआ। ऐसी ही स्थिति गुजरात में देखने को मिलेगी, जहां एक अंधा और एक लंगड़ा चुनाव जीतने के लिए एकसाथ आए हैं।
कांग्रेस प्रतिनिधियों को भी जीत की कोई संभावना नहीं दिखती : पाटिल ने कहा कि 26 में से केवल दो सीट पर चुनाव लड़ने का आप का फैसला अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी द्वारा चुनाव से पहले ही हार स्वीकार करने जैसा है। उन्होंने कहा, यहां तक कि निर्वाचित कांग्रेस प्रतिनिधियों को भी जीत की कोई संभावना नहीं दिखती।
उन्होंने कहा, ऐसे गठबंधन से कोई नतीजा नहीं निकलने वाला है। यहां के लोग झूठे वादों के बहाने उन्हें गुमराह करने की उनकी कोशिशों से अवगत हो गए हैं। चैतर वसावा और उमेश मकवाना क्रमशः भरूच और भावनगर लोकसभा सीट से आप के उम्मीदवार हैं।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour