नई दिल्ली। देश में जमा कालेधन के खुलासे के उद्देश्य से आज से चार महीने के लिए अनुपालना खिड़की खुलेगी। इसके तहत घोषित संपत्ति या कालेधन के वर्तमान बाजार मूल्य का 45 प्रतिशत कर, जुर्माना और अधिभार के रूप में चुकाना होगा। इस सुविधा का लाभ भ्रष्टाचार के जरिए संपत्ति अर्जित करने वालों को नहीं मिलेगा।
आयकर घोषणा स्कीम के तहत 30 नवंबर तक जो लोग अपनी अघोषित संपत्तियों का खुलासा करेंगे उन्हें उस संपत्ति के वर्तमान बाजार मूल्य का 45 प्रतिशत कर, जुर्माना और अधिभार के रूप में देना होगा।
वित्त मंत्रालय ने इस स्कीम के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए ऑनलाइन अभियान भी चलाया है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इस संबंध में लगातार पूछे जा रहे 14 सवालों के उत्तर भी दिए थे। एक परिपत्र के जरिए इस योजना के प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया गया था।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि जिन लोगों के पास अघोषित संपत्ति है और वे चैन की नींद सोना चाहते हैं तो उन्हें 1 जून से खुल रही अनुपालन खिड़की का उपयोग करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाएगा तो उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी।
योजना के तहत घोषित संपत्ति के भविष्य में बेचे जाने पर पूंजीगत लाभ देना होगा। इसके साथ ही प्रत्यक्ष कर विवाद एवं समाधान योजना भी बुधवार से शुरू हो रही है। प्रत्यक्ष कर विवाद एवं समाधान योजना को वित्त अधिनियम 2016 में शामिल कर लिया गया है।
इसके तहत कर बकाया और विशेष कर से संबंधित घोषणा 31 दिसंबर 2016 से पहले की जा सकती है। इस संबंध में प्रासंगिक नियम और फॉर्म की अधिसूचना जारी की जा चुकी है। (वार्ता)