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कालाधन रखने वालों को एक और मौका...

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, मंगलवार, 29 नवंबर 2016 (19:50 IST)
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच बिना चर्चा के कराधान विधि (दूसरा संशोधन) विधेयक ध्वनिमत से मंगलवार को पारित हो गया, जिसमें कालाधन रखने वालों को एक और मौका देते हुए नोटबंदी के बाद जमा राशि की घोषणा पर कर, जुर्माना तथा अधिभार के रूप में कुल 50 प्रतिशत वसूली का प्रस्ताव किया गया है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को आयकर कानून में संशोधन के लिए लोकसभा में एक विधेयक पेश किया था। यह आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2016 का और संशोधन करने वाला विधेयक 'धन विधेयक' है।
 
सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, यह सार्वजनिक महत्व वाला विधेयक है। मैं चाहती थी कि इस पर विस्तार से चर्चा हो। मौजूदा स्थिति में चर्चा संभव नहीं लगती। इसलिए मैं विधेयक पर सीधे मत विभाजन करा रही हूं। 
 
विधेयक के बारे में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार आयकर अधिनियम में संशोधन लाई है। इसमें प्रावधान है जो लोग अपना अघोषित धन बैंक में जमा कर उसकी जानकारी देते हैं तो उन्हें 50 प्रतिशत कर, जुर्माना और अधिभार अदा करना होगा। 25 प्रतिशत राशि उन्हें तत्काल मिल जाएगी और शेष 25 प्रतिशत राशि चार साल बाद मिलेगी।
 
जेटली ने कहा कि जो लोग गैरकानूनी तरीके से अघोषित धन रखते पाए गए उन्हें 85 प्रतिशत कर और हर्जाना देना होगा। उन्होंने कहा कि इससे सरकार को साधन मिलेंगे जिनसे विकास कार्य हो सकेंगे। प्रधानमंत्री ने इसी संबंध में गरीब कल्याण कोष की भी घोषणा की है।
 
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच भर्तृहरि महताब, एन के प्रेमचंद्रन, केसी वेणुगोपाल के विभिन्न संशोधनों को नामंजूर करते लोकसभा में कराधान विधि (दूसरा संशोधन) विधेयक 2016 को ध्वनिमत से मंजूरी मिल गई।
 
विधेयक में प्रस्ताव किया है कि इस अवधि में धन जमा कराने वालों के बारे में यदि यह साबित हुआ कि उन्होंने कालाधन रखा है तो उनसे अधिक ऊंची दर और कड़े जुर्माने के साथ कुल 85 प्रतिशत की दर से वसूली की जाएगी।
 
विधेयक में यह प्रावधान है कि घोषणा करने वालों को अपनी कुल जमा राशि का 25 प्रतिशत सरकार द्वारा लाई जा रही एक ‘गरीबी-उन्मूलन योजना’ में निवेश करना होगा, पर इस योजना में लगाए गए पैसे पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। साथ ही इस राशि को चार साल तक नहीं निकाला जा सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोट को अमान्य करने की घोषणा के बाद यह पहल की गई है।
 
सरकार का कहना है कि जो लोग गलत तरीके से कमाई गई राशि अपने पास 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट में दबाकर रखें हुए थे और जो उसकी घोषणा करने का विकल्प चुनते हैं, उन्हें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण (पीएमजीके) योजना 2016 के तहत इसका खुलासा करना होगा। उन्हें अघोषित आय का 30 प्रतिशत की दर से कर भुगतान करना होगा।
 
इसके अलावा अघोषित आय पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगेगा, साथ ही पीएमजीके उपकर नाम से 33 प्रतिशत अधिभार (30 प्रतिशत का 33 प्रतिशत) लगाया जाएगा। इसके अलावा, घोषणा करने वालों को अघोषित आय का 25 प्रतिशत उस योजना में लगाना होगा जिसे सरकार रिजर्व बैंक के साथ विचार कर अधिसूचित करेगी।
 
विधेयक के उद्देश्य और कारणों के बारे में कहा गया है कि न्याय और समानता की दृष्टि से इस योजना में आई राशि का उपयोग सिंचाई, आवास, शौचालय, बुनियादी ढांचा, प्राथमिक शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य तथा आजीविका जैसी परियोजनाओं में किया जाएगा।
 
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, जो लोग अघोषित नकदी के साथ पकड़े जाते हैं, उन पर 60 प्रतिशत की ऊंची दर से कर और उस पर 25 प्रतिशत अधिभार लगाया जाएगा। इस प्रकार, कुल कर 85 प्रतिशत बनता है। इसके साथ यदि कर अधिकारी को उचित लगता है तो वह 10 प्रतिशत जुर्माना भी लगा सकता है। आय को कम दिखाए जाने पर 50 प्रतिशत तथा गलत जानकारी देने पर 200 प्रतिशत कर लगाने का वर्तमान प्रावधान बना रहेगा और उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है।
 
कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक 2016 शीर्षक इस विधेयक के माध्यम से आयकर कानून की धारा 115बीबीई में संशोधन का प्रस्ताव करता है। यह धारा ऐसे कर्जों, निवेश, नकद धन तथा अन्य संपत्ति पर दंडात्मक कर, अधिभार तथा जुर्माने से संबंधित है जिनको लेकर कोई हिसाब और सफाई न दी जा सके।
 
ऐसे मामलों में मौजूदा 30 प्रतिशत कर के साथ अधिभार और उपकर के प्रावधान के विपरीत ऐसे संशोधन के जरिए 60 प्रतिशत की उच्च दर से कर लगाने का प्रस्ताव किय गया है। साथ ही कर का 25 प्रतिशत अधिभार (आय का 15 प्रतिशत) देना होगा। इस प्रकार, कुल कर भार 75 प्रतिशत होगा। इसमें खर्च, कटौती आदि काटने की अनुमति नहीं होगी।
 
साथ ही आकलन अधिकारी 10 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगा सकता है। इससे आय के बारे में जानकारी नहीं देने पर 85 प्रतिशत कर लगेगा। (भाषा) 

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