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#कालाधन, बाजार में हड़कंप : छप्पन और सराफे में शि‍कंजी पीने को तरसे इंदौरी

हमें फॉलो करें #कालाधन, बाजार में हड़कंप : छप्पन और सराफे में शि‍कंजी पीने को तरसे इंदौरी
, मंगलवार, 8 नवंबर 2016 (22:10 IST)
जैसे ही प्रधानमंत्री ने 500 और 1000 रुपए के नोट के मंगलवार रात से ही अमान्य होने की बात कही, बाजार में हड़कंप मच गया। अफवाहों का दौर भी चल पड़ा। अफरातफरी की स्थ‍िति में आए कारोबारियों ने बड़े नोटों को हाथ लगाने से ही इनकार कर दिया।
रात नौ बजे तक भी बहुत सारे लोगों को इस ख़बर की जानकारी नहीं थी, और वे छप्पन दुकान पर सपरिवार पहुंचे थे। उन्हें यह देखकर हैरत हुई कि दुकानदारों ने उनसे बड़े नोट लेने से साफ़ इनकार कर दिया। जिनके पास 100 या 50 के नोट थे, उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ा, लेकिन जो 500 या 1000 तक की खरीदारी कर चुके थे और उनके पास छोटे नोट नहीं थे, उनसे तत्काल उनके द्वारा लिया गया सामान वापस रखवा लिया गया।
 
दुकानदार अपना सामान नहीं बेचने को तैयार थे, लेकिन 500 का नोट लेने को नहीं। महीने के आरंभिक दिन होने के कारण लोगों ने हाल ही में एटीएम से अपना वेतन निकाला था, जो कि अमूमन 500 या 1000 के नोट में ही रहता है। एक झटके में जैसे लोगों को यह पैसा रद्दी के ढेर में तब्दील हो गया।
 
वाट्सएप  ग्रुप्स में जंगल की आग की तरह अफवाहें फैल गईं। दुकानदार ग्राहकों को मोबाइल दिखाकर बताते रहे कि सरकार ने ये नोट बंद कर दिए हैं। सैकड़ों लोगों को बैरंग लौटना पड़ा। सराफे या छप्पन में परिवार के साथ शि‍कंजी पीने या चाट खाने गए लोगों को 500 का नोट होने के कारण अपना मुंह लेकर घर लौटना पड़ा। कमोबेश ऐसे ही हालात पेट्रोल पम्पों पर भी रहे, जहां चौपहिया वाहनों द्वारा बड़े नोटों में ही भुगतान किया जाता है। चूंकि कोई भी इस स्थ‍िति के लिए तैयार नहीं था, इसलिए परेशानियां और बढ़ गईं।

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