मुंबई। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहार पुलिस द्वारा की जा रही जांच का नेतृत्व करने के लिए मुंबई पहुंचे पटना के पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी को बीएमसी ने पृथक-वास (क्वारंटाइन) में भेज दिया है।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों ने तिवारी के हाथ पर पृथक-वास की मुहर भी लगा दी है जिससे संकेत मिलता है कि वह 15 अगस्त तक पृथक रहेंगे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तिवारी रविवार को मुंबई पहुंचे थे और बीएमसी अधिकारियों ने देर रात उन्हें 14 दिन के लिए गोरेगांव में राज्य रिजर्व पुलिस बल के अतिथिगृह में पृथक-वास में भेज दिया है।
बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने रविवार को आरोप लगाया कि तिवारी को मुंबई में बीएमसी के अधिकारियों ने जबरदस्ती पृथक-वास में भेजा है।
पांडेय ने ट्वीट किया, ‘आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी पुलिस टीम का नेतृत्व करने के लिए आधिकारिक ड्यूटी पर पटना से आज मुंबई पहुंचे थे, लेकिन बीएमसी अधिकारियों ने रात 11 बजे उन्हें जबरदस्ती पृथक-वास में भेज दिया। उन्हें अनुरोध के बावजूद आईपीएस मैस में आवास मुहैया नहीं कराया गया और वह गोरेगांव के एक अतिथिगृह में रुके हैं।‘
तिवारी ने रविवार को मुंबई हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह अपनी टीम का नेतृत्व करने यहां आए हैं और मामले में सभी संभव कोणों से जांच करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘मुंबई पुलिस अपनी शैली में मामले की जांच कर रही है और हम अपने तरीके से तफ्तीश करेंगे। जरूरत पड़ी तो हम बॉलीवुड हस्तियों के बयान भी दर्ज करेंगे जिनके बयान मुंबई पुलिस ने दर्ज किए हैं।‘
एक सवाल के जवाब में तिवारी ने कहा कि यह कहना उचित नहीं है कि बिहार पुलिस के दल को मुंबई पुलिस से सहयोग नहीं मिल रहा।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच सही तरीके से आगे बढ़ रही है और हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमारा दल यहां मामले से जुड़े सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल करने आया है।’’
मुंबई पुलिस ने सुशांत राजपूत मामले में अब तक करीब 40 लोगों के बयान दर्ज किये हैं जिनमें अभिनेता के परिजन, रसोइया और फिल्म जगत के लोग भी शामिल हैं।
बिहार पुलिस पटना में पिछले सप्ताह सुशांत के पिता कृष्णा कुमार सिंह (74) द्वारा दर्ज एक शिकायत के आधार पर ‘आत्महत्या के लिए उकसाने’ के मामले में अलग से जांच कर रही है। बिहार पुलिस ने अब तक राजपूत की मौत के मामले में 10 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। (भाषा)