जम्मू। मात्र दो महीनों के अंतराल में भारतीय सुरक्षाबलों ने इंटरनेशनल बॉर्डर पर एक और सुरंग खोजकर पाकिस्तान के कुत्सित इरादों पर पानी फेर दिया। बुधवार को कठुआ के हीरानगर में एक भूमिगत सुरंग मिली है। इस सेक्टर में पिछले कुछ हफ्तों से पाक रेंजर जबरदस्त गोले बरसा रहे थे, जबकि पिछले साल 4-5 नवंबर की रात को अरनिया के पिंडी चाढ़का में भी एक सुंरग मिली थी।
अधिकारी कहते हैं कि पाकिस्तान ने जिला कठुआ के हीरानगर सेक्टर में इंटरनेशनल बॉर्डर पर आतंकियों की घुसपैठ कराने के इरादे से सुरंग का निर्माण किया था, जिसका बीएसएफ के सतर्क जवानों ने पता लगा लिया है। सुरंग मिलने के बाद जवानों ने आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान भी चलाया है।
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, एक अभियान के दौरान सुबह बोबिया गांव में बीएसएफ के जवानों द्वारा आतंकियों की घुसपैठ की सुविधा के लिए सीमा पार से बनाई गई सुरंग का पता चला। बीएसएफ और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि इस सुरंग की लंबाई करीब 150 मीटर है। साथ ही सुरंग से सीमेंट की बोरियां बरामद हुई हैं। जो कि पाकिस्तान के कराची की बनी हुई हैं।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की पोस्ट के ठीक सामने से इस सुरंग को खोदा गया है। आशंका जताई जा रही है कि सुरंग के जरिए आतंकी इस ओर घुसपैठ कर आए हैं। अपनी इस शंका को दूर करने के लिए बीएसएफ, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है।
बोबिया में पड़ने वाले गांवों में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है कि उन्होंने रात या फिर तड़के किन्हीं संदिग्ध लोगों को आसपास तो नहीं देखा। इससे पहले अगस्त 2020 में सांबा के सीमावर्ती गांव बैन ग्लाड तथा 4-5 नवंबर की रात को अरनिया के पिंडी चाढ़का में सीमा पर एक सुरंग मिली थी। सीमा से 50 मीटर दूर मिली इस सुरंग में पाकिस्तान निर्मित बोरियां बरामद हुई थीं। जिनमें बालू रेत भरी हुई थी।
10 साल में 10 सुरंगें : इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तान द्वारा कितनी सुरंगें खोदी गई हैं, फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। इतना जरूर है कि पिछले 10 सालों में 10 ऐसी सुरंगों का पर्दाफाश बीएसएफ कर चुकी है। वर्ष 2012 और 2014 में अखनूर सेक्टर में दो सुरंगों का पता लगाया गया था। इसके अलावा, 2013 में सांबा सेक्टर में एक सुरंग मिली थी। वर्ष 2016 में दो और 2017 में भी दो सुरंगें मिली थीं।
जानकारी के लिए वर्ष 2016 में ही मार्च में भी बीएसएफ ने आरएसपुरा सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया था। अखनूर सेक्टर में भी यही हुआ था। आरएस पुरा सेक्टर में मिली सुरंग 22 फीट लंबी थी। इसे बनाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था।
फरवरी 2017 में भी रामगढ़ सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाया गया था। उसका एक सिरा भारत और दूसरा पाकिस्तान में था। अक्टूबर 2017 में अरनिया सेक्टर में भी एक सुरंग मिली थी। सुरंगें मिलने वाले स्थान से जम्मू-पठानकोट राजमार्ग करीब 10 किमी की दूरी पर है और रेल लाइन 3 से 4 किमी की दूरी पर है। जो सुरंग आज मिली है वह मात्र दो महीनों के अंतराल के बाद मिली है।