नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है। इसमें सरकार का मुख्य एजेंडा बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा और वित्त विधेयक पर चर्चा और उन्हें पारित करवाना होता है।
सत्र की शुरुआत ऐसे समय में हो रही है जब बंगाल सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने संकेत दिए हैं कि न सिर्फ बजट बल्कि कई अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी है। कांग्रेस दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव ला सकती है।
इनमें बढ़ती महंगाई और किसान आंदोलन का मुद्दा है। आंदोलन के 100 दिन पूरे हो गए हैं और ऐसे में सरकार पर आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत कर आंदोलन खत्म करवाने की मांग की जाएगी।
सत्र के दूसरे चरण में सरकार का ध्यान मुख्य रूप से वित्त विधेयक और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कराने पर होगा। इन अनिवार्य एजेंडा के अलावा सरकार ने इस सत्र में कई विधेयकों को भी पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है। सरकार ने जिन विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, उनमें पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय वित्त पोषण अवसंरचना और विकास बैंक विधेयक, विद्युत (संशोधन) विधेयक, क्रिप्टो करेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा नियमन विधेयक शामिल हैं।
बजट सत्र का दूसरा चरण ऐसे समय हो रहा है, जब सभी सियासी दलों का ध्यान पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों पर है। इन राज्यों में मार्च-अप्रैल में चुनाव होने हैं। बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी को शुरू हुआ था। इसके तहत केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया गया था।
सत्र की अवधि में हो सकती है कटौती : चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में मार्च-अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्र की अवधि में कटौती किए जाने की संभावना है क्योंकि अधिकतर शीर्ष नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त रहेंगे। इस सत्र का समापन 8 अप्रैल को होना है। सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी दल सत्र की अवधि में कटौती किए जाने के समर्थन में हैं। हालांकि, इस बारे में अभी आधिकारिक निर्णय लिया जाना बाकी है।