Success in building mountain tunnel in Gujarat : गुजरात के वलसाड में मुंबई-अहमदाबाद उच्च गति वाले रेल गलियारे यानी बुलेट ट्रेन के मार्ग में पहली पर्वतीय सुरंग बनाने में गुरुवार को कामयाबी मिल गई। इस गलियारे पर ट्रेन 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती नजर आएंगी। 350 मीटर लंबी इस सुरंग का व्यास 12.6 मीटर और ऊंचाई 10.25 मीटर है।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, तीन सौ पचास मीटर लंबी इस सुरंग का व्यास 12.6 मीटर और ऊंचाई 10.25 मीटर है। घोड़े के नाल के आकार वाली इस सुरंग में दो उच्च रफ्तार ट्रेन ट्रैक होंगे। नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबे मार्ग पर और छह सुरंगों के निर्माण की योजना बनाई है।
वलसाड खंड के मुख्य परियोजना प्रबंधक एसपी मित्तल ने गुरुवार को बताया, हमें सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि ये भारत की पहली सुरंग है, जिसमें एक ट्रेन 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरेगी। उन्होंने कहा कि उनके दल ने सुरंग की पूरी निर्माण अवधि में एक भी अप्रिय घटना का सामना नहीं किया।
मित्तल ने कहा, हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि कैसे सुरंग के संरेखण को बिल्कुल सीधा रखा जाए, क्योंकि बुलेट ट्रेन 350 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी और मामूली सा भी घुमाव एक बड़े खतरे को पैदा कर सकता था। इसलिए हमने बहुत बारीकी से हर काम किया और आपको सुरंग में एक मिलीमीटर का भी घुमाव देखने को नहीं मिलेगा।
मित्तल के मुताबिक, सुरंग बनाने का काम पूरा करने में एक साल से ज्यादा और बड़ी संख्या में कार्यबल लगा है। एनएचएसआरसीएल ने एक बयान में कहा कि नई ऑस्ट्रियाई सुरंग विधि (एनएटीएम) के जरिए इस सुरंग का निर्माण किया गया है, जो गुजरात में वलसाड के उम्बेरगांव तालुका में जरोली गांव से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है।
मुंबई-अहमदाबाद उच्च रफ्तार रेल गलियारे में पहाड़ों से गुजरने वाली सात सुरंगें होंगी और उन सभी का निर्माण एनएटीएम के माध्यम से किया जाएगा। उच्च रफ्तार वाले इस ट्रेन गलियारे में मुंबई में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और ठाणे जिले के शिल्पहटा के बीच भी 21 किलोमीटर लंबी सुरंग होगी, जिसका सात किलोमीटर हिस्सा ठाणे क्रीक (खाड़ी) में होगा यानी कि यह समुद्र के नीचे से गुजरने वाली देश की पहली सुरंग होगी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)