नई दिल्ली। कुख्यात आतंकवादी बुरहान वानी की बरसी से एक दिन पूर्व शुक्रवार को कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद सैफुद्दीन सोज ने कहा कि आतंकी बुरहान को जिंदा रखना चाहिए था। हम सत्ता में होते तो वानी की मौत नहीं होती।
सोज का यह दुर्भाग्यपूर्ण बयान बुरहान वानी की बरसी से ठीक एक दिन पहले आया था, जब कश्मीरी अलगाववादी एकजुट होने की कोशिशें कर रहे हैं। सोज ने कहा कि मेरे बस में होता तो मैं कहता कि बुरहान को जिंदा रखना चाहिए। अब वो मर गए हैं, तो जो लोग उन्हें शहीद मानना चाहते हैं मानें।
सोज यहीं नहीं रुके इस आतंकवादी की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि बुरहान भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती का बड़ा पुल बन सकता था। उन्होंने कहा कि हमें पाकिस्तान के साथ दोस्ती को आगे बढ़ाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजयसिंह भी आतंकियों के लिए सम्मानजनक शब्दों का प्रयोग कर चुके हैं। दिग्गी हाफिज साहब, मसर्रत साहब और ओसामा जी बोलकर आतंकियों को सम्मान दे चुके हैं।
कौन था बुरहान वानी : बुरहान मुजफ्फर वानी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का कश्मीर में कमांडर था, जिसे सुरक्षाबलों ने 8 जुलाई, 2016 को एक मुठभेड़ में मार गिराया था। शिक्षक पिता की संतान बुरहान पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित था। उसका बड़ा भाई खालिद मुजफ्फर भी आतंकवादी था, जो सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।
वानी 2014 में उस समय चर्चा में आया था, जब उसने सेना की वर्दी में हथियार के साथ अपनी तस्वीर शेयर की। सोशल मीडिया के माध्यम से उसने कई कश्मीरी युवाओं को भटकाकर आतंकवाद की राह पर धकेल दिया था। वह हिज्बुल का पोस्टर 'पोस्टर बॉय' बन गया था। बुरहान की मौत के बाद कश्मीर घाटी के हालात काफी खराब हो गए थे। इसके बाद हुई हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल गए थे।