नई दिल्ली। देश के सभी भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) छात्रों को अब डिग्री प्रदान करेंगे। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को यहां आईआईएम विधेयक को मंजूरी दे दी।
इस विधेयक के मंज़ूर होने से ये संस्थान छात्रों को डिग्री प्रदान करने के हक़दार हो जाएंगे। अब तक ये संस्थान छात्रों को डिप्लोमा ही प्रदान करते थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में आईआईएम विधेयक की मंजूरी से इन संस्थानों को अब पूरी स्वायत्ता मिल जाएगी और उन्हें राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों का दर्जा भी मिल जाएगा। इसके आलावा इन संस्थानों को स्वायत्ता के साथ अपनी जवाबदेही भी निभानी होगी।
इस विधेयक के पारित होने से संस्थान के प्रबंधन बोर्ड को निदेशक तथा अध्यक्ष की नियुक्ति का अधिकार मिल जाएगा।
देश में आईआईएम को अधिक स्वायत्तता प्रदान करने की मांग काफी दिन से उठ रही थी जिसे देखते हुए सरकार ने नया विधेयक लाकर इन संस्थानों को मजबूत बनाने का फैसला किया।
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने वर्ष 1961 में कोलकाता तथा अहमदाबाद में आईआईएम की स्थापना की थी उसके बाद बेंगलुरु, लखनऊ, कोझिकोड और इंदौर में आईआईएम खुले, फिर शिलांग, रांची, रायपुर, काशीपुर, उदयपुर समेत कई अन्य शहरों में भी समय-समय पर आईआईएम खोले गए।
पिछले साल मोदी सरकार ने छह नए आईआईएम खोले। इस वर्ष जम्मू में भी आईआईएम खोला गया जिसे मिलाकर इनकी संख्या बढ़कर 20 हो गई। (वार्ता)