अदालत ने घटना का पूरा वीडियो देखने के बाद पुलिस और अस्पताल प्रशासन को इस घटना के संबंध में हलफनामे दायर करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि पुलिस को उन घटनाओं का पूरा विवरण रिकॉर्ड में देना चाहिए जिनके कारण अस्पताल में तोड़फोड़ हुई। मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।
जब राज्य सरकार के वकील ने अदालत से कहा कि लोगों की भीड़ गुरुवार तड़के एकत्र हुई थी तो मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि इस बात पर भरोसा कर पाना कठिन है कि पुलिस खुफिया विभाग को अस्पताल में 7,000 लोगों के एकत्र होने की जानकारी नहीं थी।
अदालत ने सीबीआई को भी 9 अगस्त को अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के मामले की जांच की दिशा में हुई प्रगति की अंतरिम रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। इस घटना के कारण राज्य के सरकारी अस्पतालों में कनिष्ठ चिकित्सक हड़ताल पर हैं।