Lok Sabha Elections 2024 News: मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच यह सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है कि केन्द्र में सत्तारूढ़ नरेन्द्र मोदी सरकार समय से पहले यानी 2023 के अंत में लोकसभा चुनाव करा सकती है। हालांकि सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान इस संबंध में नहीं आया है, लेकिन विपक्ष के नेता एक से ज्यादा बार इस तरह की घोषणाएं कर चुके हैं। यदि ऐसा होता है तो विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनाव कराए जा सकते हैं।
विपक्ष को एकजुट करने में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा है कि केन्द्र सरकार समय से पहले लोकसभा चुनाव करा सकती है। ये चुनाव 7 से 8 महीने पहले कराए जा सकते हैं। नीतीश ने अपने गठबंधन से जुड़े दलों से यह भी कहा है सरकार से मुकाबला करने के लिए सबको एकजुट रहने की जरूरत है।
दरअसल, माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 'आभामंडल' तुलनात्मक रूप से कमजोर हुआ है। पिछले दिनों एक सर्वे में भाजपा और एनडीए की सीटें पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में कम बताई गई थीं। इसे नरेन्द्र मोदी की घटती लोकप्रियता से जोड़कर देखा जा रहा है। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में मिली हार को भी भाजपा के लिए झटका माना जा रहा है।
भाजपा विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' को भी हलके में नहीं ले रही है। हालांकि यह अलग बात है कि उसके नेता इस तरह प्रदर्शित कर रहे हैं कि उन्हें विपक्षी गठबंधन की कतई चिंता नहीं है। लेकिन, जिस तरह से भाजपा नेता विपक्षी गठबंधन पर हमले कर रहे हैं, उससे उनकी चिंता को साफ पढ़ा जा सकता है।
ममता के दावों में कितना दम? : इसी बीच, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इन अटकलों को और तूल दे दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव दिसंबर में ही करा दे, तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए पहले ही सभी हेलीकॉप्टर बुक कर लिए हैं ताकि बाकी राजनीतिक दल प्रचार के लिए उनका प्रयोग नहीं कर सकें। बंगाल की सीएम ने यह भी कहा कि हम लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराएंगे। अगर भाजपा सत्ता में वापसी करती है तो इससे हमारा देश नफरत का देश बन जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री और कांग्रेस नेता रवीन्द्र चौबे ने भी पिछले दिनों कहा था कि भाजपा की तैयारियों से पता चलता है कि वह समय से पहले लोकसभा चुनाव करा सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोकसभा सीटों के लिए ऑब्जर्वर नियुक्त करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता चौबे ने अपनी बात के पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार राज्यों में नई योजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में भी 7400 करोड़ की योजना की शुरूआत की थी।
विपक्षी नेताओं के दावों में कितना दम है यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन एक बात यह सामने आ रही है कि यदि 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम भाजपा के अनुकूल नहीं रहते हैं तो उनका नकारात्मक असर लोकसभा चुनावों पर भी हो सकता है। ऐसे में भाजपा विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनाव करा दे तो आश्चर्य की कोई बात नहीं है।
फीलगुड फैक्टर : चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद भाजपा 'फीलगुड' फैक्टर से भी गुजर रही है। महंगाई और अन्य जरूरी मुद्दों से लोगों का ध्यान हटा हुआ है। सभी चंद्र मिशन की सफलता के जश्न में डूबे हुए हैं। ऐसे में यदि समय से पहले चुनाव हो जाएं तो इसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है।
हालांकि राजनीतिक जानकार यह भी मानते हैं कि भाजपा समय से पहले चुनाव कराने का रिस्क नहीं उठाएगी, क्योंकि 2004 में शाइनिंग इंडिया और फीलगुड फैक्टर के बावजूद समय से पहले हुए चुनाव में भाजपा को शिकस्त झेलनी पड़ी थीं। हालांकि उस समय भी किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, लेकिन कांग्रेस 145 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थीं। भाजपा कांग्रेस से मात्र 7 सीटें ही पीछे रही थी, लेकिन कांग्रेस मनमोहन के नेतृत्व में सरकार बनाने में सफल रही थी।