आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कैप्टन दीपक ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और आतंकवादियों को ढेर करने के लिए अपने लोगों को निर्देशित करना जारी रखा। हालांकि, उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की गोलीबारी के कारण कैप्टन को गोली लग गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, उन्होंने कहा कि गंभीर चोटों के कारण कैप्टन ने दम तोड़ दिया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैप्टन दीपक ने आगे से नेतृत्व किया और तलाशी अभियान शुरू होने के दौरान स्काउट्स के पीछे तीसरे व्यक्ति थे, उन्होंने कल रात और आज सुबह भी आतंकवादी समूह पर गोलीबारी की। बंदूक की गोली से घायल होने के बावजूद वह जब तक संभव हो सका, अपने लोगों को निर्देश देता रहा।
अधिकारियों ने बताया कि शिवगढ़-अस्सार पट्टी में छिपे आतंकवादियों की तलाश करने के लिए सुरक्षाबलों और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर संयुक्त तलाश अभियान शुरू किया और इस दौरान घने जंगलों वाले इलाके में उनके बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले हुई इस गोलीबारी में एक नागरिक भी घायल हो गया। मुठभेड़ स्थल से खून से लथपथ चार बैग बरामद किए गए हैं। साथ ही एम-4 कार्बाइन भी बरामद की गई हैं। आतंकवादी अस्सार में एक नदी के किनारे छिपे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच संक्षिप्त मुठभेड़ होने के बाद आतंकवादी उधमपुर जिले के पटनीटॉप के निकट जंगल से डोडा में घुस आए।
अधिकारियों के अनुसार, उधमपुर में मंगलवार शाम करीब छह बजे सुरक्षाबलों को आतंकवादियों की मौजूदगी का पता चला था। आधे घंटे बाद उनके बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। सुरक्षाबलों ने रातभर में इलाके को चारों ओर से घेर लिया।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आज सुबह फिर से तलाश अभियान शुरू किया। आज सुबह करीब 7.30 बजे फिर से आतंकवादियों और जवानों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई।
Edited by: Nrapendra Gupta