हरिद्वार। महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सीबीआई आनंद गिरि को रिमांड पर लेकर हरिद्वार पहुंच गई है।सीबीआई की जो टीम आनन्द गिरि को हरिद्वार लेकर आई, उसमें 7 अधिकारी बताए गए हैं। सुबह से ही यह संभावना थी कि आनंद गिरि को सीबीआई आज सीबीआई हरिद्वार ला सकती है।प्रयागराज से हवाई जहाज से आनन्द गिरि को वायुमार्ग से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट लाई।
सीबीआई मामले में जांच के लिए आनंद गिरि के कांगड़ी स्थित आश्रम को खंगालेगी। श्रवणनाथ नगर स्थित निरंजनी अखाड़े में संतों से भी सीबीआई पूछताछ करेगी।प्रयागराज की नैनी जेल में बंद महंत नरेंद्र गिरि की हत्या के आरोपी आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी से सीबीआई टीम लगातार पूछताछ कर रही है।
सीबीआई आनंद गिरि को निशानदेही के लिए उनके हरिद्वार श्यामपुर स्थित आश्रम लेकर पहुंचने से पहले ही यहां चोर पहले ही आश्रम को खंगाल चुके है।। आनंद गिरि के हरिद्वार के श्यामपुर स्थित सील हो चुके आश्रम में चोरी की घटना सामने आई है।हालांकि पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए चोर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
तथापि यह हाई प्रोफाइल मामले में चोरी अपने आप में हतप्रभ करती है, वह भी तब जब यह आश्रम ही अवैध निर्माण मामले में प्राधिकरण ने सील किया हुआ था।आरोपी युवक के पास से पानी की मोटर और जूसर बरामद होने की बात पुलिस बता रही है।
22 सितंबर को हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण ने आश्रम को सील कर दिया था।तब से आश्रम में कोई रहता ही नहीं था, लेकिन चोरों ने इस आश्रम को खंगाल दिया।अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बीती 20 सितंबर को प्रयागराज स्थित बाघम्बरी पीठ में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी।महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट भी लिखा था।
सुसाइड नोट के आधार पर महंत नरेंद्र गिरि के चेले आनंद गिरि, मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद और आद्या प्रसाद के पुत्र संदीप प्रसाद को पुलिस ने गिरफ्तार किया। 22 सितंबर को हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण ने आनंद गिरि के निर्माणाधीन आश्रम को सील किया था।
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार 13 मई को भी हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण ने आश्रम के निर्माण को नियम विरुद्ध बताते हुए सील किया था।इसके बाद भी आनंद गिरि आश्रम का निर्माण करते रहे। वहीं हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण सील हुए आश्रम में सील बंदी के बाद भी काम करने के मामले को लेकर अनभिज्ञ रहा।
हरिद्वार की अन्य खबरें-
बद्रीनाथ के श्रद्धालु कम पहुंचने से धाम हो रहे खाली : बद्रीनाथ धाम में 29 सितंबर को सायं 4 बजे तक 900 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। अभी तक बद्रीनाथ धाम में कुल 9590 और हेमकुंड साहिब में 2709 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। भगवान श्री बद्रीनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की जांच के लिए जिले के प्रवेश द्वार गौचर, मेहलचौरी, पांडुकेश्वर, गोविन्द घाट आदि स्थानों पर व्यवस्था की गई है। बद्रीनाथ धाम में भी कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा एवं एसओपी का अनुपालन हेतु सेक्टर अधिकारियों को जिम्मेदारी दे रखी है। यात्रा मार्ग पर यात्रियों की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। विगत 28 सितंबर की देर सायं बद्रीनाथ जा रहे मध्य प्रदेश के तीर्थयात्रियों का वाहन रडांग बैंड के पास खराब हो गया था। जिस कारण वाहन में सवार 6 बुजुर्ग श्रद्धालु फंस गए थे। इसकी सूचना मिलने पर नगर पंचायत बद्रीनाथ की टीम ने रात्रि को ही सभी यात्रियों को सकुशल बद्रीनाथ पहुंचाया।
18 सितंबर से उत्तराखंड में शुरू हुई चारधाम की यात्रा के लिए चार धाम के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर पंजीकरण कराने के बावजूद पंजीकृत श्रद्धालुओं में से करीब 50 फीसदी ही श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं, जिसके चलते दोपहर एक बजे के बाद चार धाम परिसर पूरी तरह से खाली हो रहा है। जिससे न सिर्फ राज्य सरकार काफी चिंतित है, बल्कि चारधाम आने वाले श्रद्धालु भी चारधाम के लिए पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं।
ऐसे में सरकार एक बार फिर से यात्रा में भक्तों की संख्या बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट जा रही है। पर्यटन एवं धर्म संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए जो लिमिट तय की गई है वो हर दिन कुछ ही घंटों में पूरी हो जाती है, कुछ ही घंटों में इतने यात्री दर्शन कर लेते हैं, उसके बाद पूरे दिन यात्री दर्शन नहीं करते हैं। जिसको देखते हुए हमने तय किया है की हम हाईकोर्ट में इस बात को रखेंगे और कोर्ट से आग्रह करेंगे कि और यात्रियों को दर्शन करने की इजाजत दी जाए।
जब से यात्रा खुली है चारधाम के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है, लेकिन अभी चारधाम में यात्रियों के जाने पर एक लिमिट लगी हुई है। इसके तहत बद्रीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में प्रतिदिन 400 यात्री जा सकते हैं। इस लिमिट के लगने की वजह से जहां सीमित संख्या में ही श्रद्धालु यात्रा कर सकते हैं।