सीबीएसई (CBSE) 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं इस बार नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस आधार पर परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है कि बच्चों के जीवन को संकट में नहीं डाला जा सकता। उनकी सुरक्षा और सेहत सर्वोपरि है। केन्द्र सरकार के इस फैसले के बाद राज्य बोर्ड के लिए भी परीक्षाएं रद्द करने का फैसला आसान हो जाएगा। जल्द ही सभी राज्य भी इस संबंध में फैसला ले सकते हैं।
हालांकि CBSE 12वीं बोर्ड के परीक्षार्थियों का मूल्यांकन किस आधार पर किया जाएगा, यह अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि पिछले प्रदर्शन के आधार पर उनको अंक दिए जा सकते हैं। असंतुष्ट होने की स्थिति में बच्चों को बाद में परीक्षा देने का विकल्प भी दिया जा सकता है।
वरिष्ठ शिक्षाविद एवं मानव संसाधन मंत्रालय के वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के विषय विशेषज्ञ डॉ. अवनीश पांडे ने वेबदुनिया से खास बातचीत में बताया कि निश्चित ही केन्द्र सरकार का यह अच्छा फैसला है। इससे विद्यार्थियों की आगे की राह खुलेगी और अभी तक परीक्षा और रिजल्ट को लेकर जो असमंजस था, वह पूरी तरह खत्म हो जाएगा। अनावश्यक तनाव झेल रहे बच्चों को इससे राहत ही मिलेगी।
डॉ. पांडे कहते हैं कि सरकार के इस फैसले के बाद बच्चों पर से पारिवारिक और सामाजिक प्रेशर भी पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। क्योंकि अभी तक परीक्षा को लेकर परिवार तो चिंतित रहता ही था, समाज में लोगों के सवाल भी उनका तनाव ही बढ़ाते थे। हालांकि वे इस बात को भी मानते हैं कि इस फैसले से टॉपर विद्यार्थी असंतुष्ट हो सकते हैं, लेकिन सरकार उन्हें अन्य विकल्प उपलब्ध करवा सकती है।
उन्होंने कहा कि इस बार बच्चों की पढ़ाई भी अच्छी तरह से नहीं हो पाई थी। ऑनलाइन क्लास के कारण दूरदराज में रहने वाले छात्र नेट कनेक्शन एवं अन्य समस्याओं के कारण अच्छी पढ़ाई नहीं कर पाए थे, उन्हें भी सरकार के इस फैसले से राहत मिलेगी।
डॉ. पांडे ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह से बच्चों के हित में है। क्योंकि इससे असमंजस की स्थिति खत्म होगी और वे आगे की राह चुन सकेंगे। किसी को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना है, या फिर आगे एडमिशन लेना है, वे इसका फैसला ले सकेंगे।
उन्होंने कहा कि 12वीं बोर्ड के करीब 15 लाख विद्यार्थियों का भविष्य इस फैसले से जुड़ा हुआ था। इसका एक असर यह भी होगा कि इसी सप्ताह से ही विभिन्न कोचिंग संस्थानों में ड्रॉपर बैचेस की शुरुआत हो जाएगी। इतना ही नहीं अगला सत्र भी समय से शुरू हो पाएगा।
डॉ. पांडे ने कहा कि सीबीएसई के फैसले के बाद अब विभिन्न राज्य सरकारों को भी इस संबंध में तत्काल फैसला लेना चाहिए और 12वीं बोर्ड की सभी परीक्षाएं रद्द कर देनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करना न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा बल्कि करियर की दृष्टि से भी उचित होगा।