नई दिल्ली। सीबीएसई और सीआईसीएसई बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के नतीजे 31 जुलाई तक घोषित किए जाएंगे। साथ ही, जो छात्र सीबीएसई की परीक्षाओं में बैठना चाहते हैं वे 15 अगस्त से 15 सितंबर के बीच ऐसा कर सकते हैं, हालांकि कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यह उपयुक्त स्थिति पर निर्भर करेगा।
इसके अलावा, सीबीएसई और सीआईसीएसई ने न्यायालय को यह भी बताया कि उन्होंने 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन की अपनी-अपनी योजनाओं में संशोधन किया है तथा आपत्ति दर्ज कराने वाले अभ्यर्थियों के लिए एक विवाद निवारण तंत्र गठित किया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा कि उसने एक प्रावधान शामिल किया है, जिसमें कहा गया है कि नतीजों के कंप्यूटेशन (गणना) से जुड़े विवाद बोर्ड द्वारा गठित समिति के पास भेजा जाएगा। सीबीएसई ने कहा कि योजना में और भी संशोधन किया गया है ताकि नतीजों की घोषणा के बाद, यदि कोई अभ्यर्थी अपने नतीजों से संतुष्ट नहीं होगा, तब बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराने को लेकर ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराएगा।
बोर्ड ने कहा कि उसने शीर्ष न्यायालय द्वारा इस संदर्भ में 17 जून को जारी निर्देश का अनुपालन किया है। गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने सीबीएसई से कहा था कि यदि सीबीएसई द्वारा घोषित नतीजों में सुधार के लिए कोई छात्र आवेदन करता है तो उस स्थिति के लिए एक विवाद निवारण तंत्र गठित किया जाए।
सीबीएसई ने शीर्ष न्यायालय में दाखिल अपने हलफनामे में कहा, परीक्षाएं आयोजित करने के लिए जब स्थिति उपयुक्त होंगी तब सिर्फ मुख्य विषयों की ही बोर्ड द्वारा परीक्षा ली जाएगी। हालांकि इस परीक्षा में ऐसे किसी अभ्यर्थी द्वारा प्राप्त किए गए अंक को अंतिम माना जाएगा, जिसने इस परीक्षा में बैठने का विकल्प चुना होगा।बोर्ड ने कहा कि योजना के मुताबिक, 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा 2021 के नतीजे 31 जुलाई 2021 तक घोषित कर दिए जाएंगे।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक एस भारद्वाज द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया है, ऐसे अभ्यर्थियों के लिए परीक्षाएं 15 अगस्त 2021 से 15 सितंबर 2021 के बीच कभी भी आयोजित की जा सकती हैं, जो उपयुक्त माहौल पर निर्भर करेगा।निजी अभ्यर्थियों या दूसरी बार पूरक परीक्षाएं देने वाले छात्रों के बारे में बोर्ड ने कहा, उनकी परीक्षाएं भी इसी अवधि के बीच आयोजित की जाएंगी, जो उपयुक्त माहौल पर निर्भर करेगा।
इसी तरह, काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआईएससीई) ने भी शीर्ष न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर कहा कि उसने निर्देश का अनुपालन किया है और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए अपनी मूल्यांकन योजना में संशोधन किया है।
सीआईएससीई ने कहा कि यदि किसी छात्र को नतीजों में अंकों की गणना में कोई आपत्ति होगी, तो वह अपने स्कूल को कारणों का विवरण देते हुए लिखित आवेदन दे सकता है। इसने कहा कि उक्त स्कूल के प्राचार्य आवेदन पर विचार करेंगे और उसमें दी गई दलील पर सहमत होने पर उसे सीआईएससीई के पास भेज देंगे।
सीआईएससीई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव गेरी एराथून द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि नतीजों की घोषणा के सात दिनों के अंदर ही प्राचार्य द्वारा आवेदन भेजना अनिवार्य है, अन्यथा उस पर विचार नहीं किया जाएगा।(भाषा)