नई दिल्ली, शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जो छात्रों में नवोन्मेषी दृष्टिकोण के विकास, उनकी रचनात्मकता, लीक से हटकर सोचने की क्षमता का विकास और अवधारणात्मक समझ विकसित करने के लिए सीखने के सरल तरीकों के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर जोर देते हैं।
इसी उद्देश्य से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधीनगर ने ऑनलाइन एकलव्य सीरीज शुरू की है।
बताया जा रहा है कि एकलव्य सीरीज से कक्षा VI से XII के लिए गणित और विज्ञान पाठ्यक्रम से विभिन्न विषयों की अवधारणात्मक समझ विकसित करने में मदद मदद मिल सकती है।
एकलव्य एक इंटरैक्टिव ऑनलाइन शैक्षिक कार्यक्रम है, जिसमें कई व्यावहारिक गतिविधियां, परियोजनाएं शामिल होंगे, जो विषयों को गंभीरता से, लेकिन सरल अंदाज में सिखाने, समझाने का काम करेंगे। इसके अंतर्गत छात्रों को ऐसे टास्क दिए जाएंगे, जिसके जरिये छात्र लीक से हटकर सोच पाने में समर्थ होंगे।
आगामी 26 सितंबर को शुरू होने वाली इस सीरीज के पहले एपिसोड में नीरज चोपड़ा के भाला फेंकने की तकनीक पर चर्चा शामिल होगी। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले नीरज चोपड़ा के भाला फेंकने की तकनीक से जुड़ा सवाल कि आखिर उन्होंने 36 डिग्री पर ही भाला क्यों फेंका?, छात्रों की आउट ऑफ द बॉक्स सोच का एक उदाहरण है।
इस श्रृंखला का उद्देश्य यह प्रदर्शित करना है कि कक्षाओं में अवधारणात्मक शिक्षण कैसे लागू किया जा सकता है। लाइव सेशन 4 बजे से 5 बजे तक प्रत्येक रविवार को आयोजित किए जाएंगे। पहले सत्र में न्यूटन के गति के नियमों पर भी चर्चा की जाएगी।
एकलव्य सीरीज में रजिस्ट्रेशन 10 सितंबर से शुरू कर दिए गए हैं। सीरीज के तहत DIY (Do It Yourself -इसे स्वयं करें) को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसकी मदद से छात्र अपने आसपास मौजूद चीजों का इस्तेमाल कर प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। इसका उद्देश्य पाठ्यक्रम को दैनिक जीवन से जोड़ना है।
इन सभी टास्क के स्तर आसान से मुश्किल होंगे, जिसमें कक्षा VI-XII के विज्ञान और गणित के विषयों को शामिल किया जाएगा। इसलिए, इन इन कक्षाओं के छात्रों को संबंधित विषयों से जुड़ी स्पष्टता के लिए इन कोर्सेज में पंजीकरण जरूर करना चाहिए। आईआईटी गांधीनगर की वेबसाइट के वेब-लिंक - https://eklavya.iitgandhinagar.ac.in/home/course/eklavya/1 पर पंजीकरण किया जा सकता है। (इंडिया साइंस वायर)