देहरादून। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तराखंड हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले के लिए एसओपी जारी की है। 7 पृष्ठीय एसओपी में कहा गया है कि मेला आयोजन में राज्य सरकार बुजर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाओं के प्रवेश रोकने को लेकर योजना बनाए। राज्य सरकार कोरोना के मामलों पर रोक लगाने के लिए अतिरिक्त उपाय लागू करने होंगे।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि कुंभ में काम करने वाले हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर का पूरी तरीके से राज्य सरकार वैक्सीनेशन करवाए। इसके बाद कोविड काल मे राज्य सरकार को केंद्र की नई एसओपी के मुताबिक पूरी योजना बनानी होगी।
आपातकाल सर्विलांस सिस्टम स्थापित होगा। रोज 10 लाख और खास पर्व माघ पूर्णिमा 27 फरवरी, महाशिवरात्रि 11 मार्च, सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल, बैसाखी 14 अप्रैल, रामनवमी 21 अप्रैल, चैत्र पूर्णिमा 27 अप्रैल को 50 लाख श्रद्धालुओं के स्नान पर आने की संभावना केन्द्रीय एसओपी में जताई गई है।
नेगेटिव कोविड रिपोर्ट लाना होगी : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी में कहा गया है कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से अपने साथ 72 घंटे पहले की कोविड-मुक्त होने की जांच रिपोर्ट लानी होगी। कुंभ के दौरान 6 फुट की सामाजिक दूरी, चेहरे पर मास्क पहनने, सैनिटाइजेशन सहित सभी प्रकार के कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य होगा।
मेला प्रदर्शनी का आयोजन नहीं : इस दौरान कोई प्रदर्शनी, मेला या प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं होगा। कुंभ मेले में किसी भी स्थान पर थूकना प्रतिबंधित होगा। दिशा-निर्देशों में 65 वर्ष से अधिक और 10 वर्ष से कम उम्र वालों के अलावा गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कुंभ मेले में आने से हतोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार को पर्याप्त प्रचार करने को कहा गया है।
कुंभ मेले में मेला प्रशासन को पर्याप्त एंबुलेंस की व्यवस्था करनी होगी और एक हजार बिस्तर वाला अस्थाई अस्पताल बनाना होगा। इसे विस्तारित कर 2000 बिस्तर तक पहुंचाने की गुंजाइश भी होनी चाहिए।
(इनपुट एजेंसी)