सरकार ने देश में फर्जी और भ्रामक संदेश फैलने के कारण आक्रोशित भीड़ द्वारा निर्दोष व्यक्तियों की हत्या समेत हिंसा के कई मामले सामने आने के बाद वॉट्सएप और फेसबुक पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। सरकार इससे पहले भी इस तरह की खबरों एवं संदेशों पर रोक लगाने के लिए चेतावनी दे चुकी है।
अफवाह फैलने से देशभर में हो रही मॉब लिंचिंग के घटनाओं के बाद सरकार अब इस पर रोक लगाने की कोशिशों में जुटी है। इसी वजह से बच्चा चोरों, झूठी खबरें और फर्जी वीडियो के प्रसार पर रोक लगाने के लिए फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मदद लेने की योजना बना रही है। बच्चा चोरी की अफवाह की वजह से करीब एक दर्जन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है।
गृह मंत्रालय जल्द ही सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों को बैठक के लिए बुलाएगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बच्चा चोर होने के संदेह में लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने की हालिया घटनाओं ने सबको चिंतित किया है और बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। 16 जून को गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी बैठक में सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों को बुलाने का फैसला किया गया। इस बैठक में झूठी सूचना और फर्जी वीडियो के प्रसार पर विस्तृत चर्चा की गई।
अधिकारी ने बताया कि बैठक में आतंकवादी संगठनों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर चर्चा की गई और उन्हें ऐसा करने से रोकने पर विमर्श किया गया। साथ ही अश्लील सामग्री पर भी चर्चा की गई। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की तारीख जल्द तय की जाएगी।
सरकार ने वॉट्सऐप को गुरुवार को एक और नोटिस भेजकर फर्जी और भ्रामक संदेशों (फेक न्यूज) के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी समाधान करने को कहा। सरकार ने कंपनी को चेतावनी दी है कि अफवाहों के प्रसार में माध्यम बनने वाले भी दोषी माने जाएंगे और मूकदर्शक बने रहने पर उन्हें भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
मंत्रालय ने कहा कि उसने जवाबदेही और कानून के बेहतर प्रवर्तन के लिए वॉट्सऐप को अधिक प्रभावी समाधान लाने को कहा है। मंत्रालय ने कहा, 'उन्हें अचूक लहजे में बताया गया है कि यह बेहद गंभीर मसला है और इसके लिए बेहद जिम्मेदार तरीके से कदम उठाने की जरूरत है।
उधर, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आज वॉट्सएप को गैर जिम्मेदाराना और विस्फोटक संदेशों को रोकने का आदेश दिया। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एमईआईटीवाई ने ऐसे मंच से इन गैर जिम्मेदाराना संदेशों और उनके प्रसार का कड़ा संज्ञान लिया है। ऐसे घटनाक्रम पर वॉट्सएप के वरिष्ठ प्रबंधन को गहरी नाराजगी जाहिर की है और उन्हें सलाह दी गई है कि इन फर्जी और सनसनीखेज संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।
बयान के मुताबिक, फेसबुक की मिल्कियत वाली कंपनी अपनी जवाबदेही और जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है। मंत्रालय ने असम, महाराष्ट्र, कर्नाटक, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में हत्याओं को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। ऐसी भड़काऊ सामग्री के प्रसार के लिए व्हाट्सएप जैसे मंच का दुरुपयोग गहरी चिंता की बात है।