कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्रालय की 4 सदस्य तथ्यान्वेषी टीम गुरुवार को यहां पहुंच गई। टीम को पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के कारण की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव की अगुवाई में टीम ने राज्य सचिवालय का दौरा किया और गृह सचिव तथा पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की।
उन्होंने बताया कि टीम जमीनी हालात का आकलन करेगी और शहर के कई इलाकों के साथ-साथ दक्षिण 24 परगना, गदखाली, सुंदरबन और जग्गदल का दौरा कर सकती है। मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार को चुनाव बाद हिंसा को लेकर विस्तृत रिपोर्ट देने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बिना समय गंवाए जरूरी उपाय करने के लिए एक संक्षिप्त स्मरण भेजा था।
इसने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से भी राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर एक रिपोर्ट देने को कहा है, खासकर दो मई को चुनाव परिणामों के बाद हुई हिंसा पर। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि राज्य में चुनाव बाद भड़की हिंसा में 16 लोगों की मौत हो गई।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि टीएमसी समर्थित गुंडों ने उसके कई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी, महिला सदस्यों पर हमला किया है और घरों में तोड़फोड़ की तथा दुकानों में लूटपाट की। आरोपों को खारिज करते हुए बनर्जी ने बुधवार को कहा था कि उन इलाकों में हिंसा और झड़पें हुई हैं, जहां विधानसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार विजयी हुए हैं।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक फिरहाद हकीम ने कोविड-19 टीका भेजने के बजाय टीम भेजने पर केंद्र पर प्रहार किया है। उन्होंने कहा, उन्हें पहले टीके भेजना चाहिए, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिम्मेदारी है। हमें दुख है कि कुछ लोगों की मौत हो गई और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।हकीम ने कहा, लेकिन टीका प्रक्रिया का क्या होगा, जो टीका संकट के कारण ठप है?(भाषा)