मुंबई। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद को जब 6 दिसंबर 1992 को बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी ने ढहाया था, उस समय उस जगह के पास शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता मौजूद नहीं था।
पाटिल ने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा कि अयोध्या में कारसेवकों की सुविधा के लिए मुझे बजरंग दल ने तीन-चार महीने के लिए वहां रखा था। इसमें भाग लेने वाले लोग या तो बजरंग दल, विहिप (विश्व हिंदू परिषद) या दुर्गा वाहिनी से थे।
उन्होंने कहा कि आरएसएस की ताकत हमारे पीछे थी लेकिन उसने खुलकर हिस्सा नहीं लिया। उसने अपने काम को समान विचारधारा वाले संगठनों में वितरित किया था।
पाटिल ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत बाबरी मस्जिद विध्वंस के बारे में बात करते रहते हैं, लेकिन उनके मन में सवाल पैदा होता है कि क्या वह उस समय अयोध्या में थे भी।