राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब रात के दौरान ध्वनि प्रदूषण करना महंगा पड़ेगा, चाहे वह किसी भी तरह का ही क्यों न हो। ध्वनि प्रदूषण में पटाखों, डीजी सेट और सभी प्रकार का शोर शामिल है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा जारी संशोधन जुर्माने की पूरी सूची जारी की है।
लाउडस्पीकर अथवा पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से शोर के लिए 10,000 रुपए, 1000 केवीए से अधिक के डीजल जेनरेटर सेट के लिए 1 लाख रुपए, ध्वनि उत्सर्जक निर्माण उपकरण के लिए 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही इन सभी उपकरणों को जब्त भी किया जाएगा।
इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति रिहायशी या व्यावसायिक इलाकों में पटाखे चलाता है तो उस पर एक हजार रुपए का जुर्माना होगा, लेकिन यदि पटाखा साइलेंट जोन में जलाया जा रहा है तो यही जुर्माना 3000 रुपए का होगा। इसके अलावा पुब्लिक रैली, शादी समारोह व अन्य धार्मिक आयोजनों में यदि पटाखे का इस्तेमाल किया जा रहा है तो रिहायशी या व्यावसायिक इलाकों में 10 हजार और साइलेंट जोन में 30 हजार का जुर्माना देना होगा।
जानकारी के लिए बता दें कि, ध्वनि प्रदूषण का सामान्य स्तर 55 डेसिबल के माना जाता है। ऐप से प्रदूषण मापने वालों का कहना है कि शहर के किसी भी भीड़भाड़ वाले इलाके में ऐप में मापने पर स्तर 80 डेसिबल से कम नहीं मिलता हैं।
डीपीसीसी की तरफ से संबंधित विभागों को आदेश दिया गया है कि वे इसे सख्ती से लागू कराएं और हर महीने एक्शन रिपोर्ट दें।