Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

छगन भुजबल ने की मराठाओं को कुनबी प्रमाण पत्र देने पर रोक की मांग

हमें फॉलो करें Chhagan Bhujbal
मुंबई , मंगलवार, 28 नवंबर 2023 (01:13 IST)
Chhagan Bhujbal demanded a ban on giving Kunbi certificates : महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने कुनबी जाति के प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक की और मराठा  आरक्षण मुद्दे पर गठित न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संदीप शिंदे समिति को भंग करने की मांग की। भुजबल ने कहा कि वह मराठाओं को अलग से आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन फर्जी या जाली दस्तावेज जमा करके कुनबी (जाति) प्रमाण पत्र प्राप्त करने के तरीके के खिलाफ हैं।
 
राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के उन लोगों को कुनबी प्रमाणपत्र देने के लिए विशेष परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय करने के लिहाज से न्यायमूर्ति शिंदे की अध्यक्षता में पांच सद समिति बनाई थी, जिन्हें निजाम कालीन दस्तावेजों में कुनबी कहा गया है।
 
कुनबी (खेती से जुड़ा समुदाय) को महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में रखा गया है। राज्य सरकार ने 31 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर संबंधित अधिकारियों से मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को कुनबी जाति का ताजा प्रमाणपत्र जारी करने को कहा था।
 
भुजबल ने कहा कि मराठाओं को आरक्षण देते समय ओबीसी के लिए मौजूदा आरक्षण को कम नहीं किया जाना चाहिए। भुजबल ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्वतंत्रता पूर्व काल में निजाम शासन से कुनबी समुदाय की संबद्धता का पता लगाने के लिए समिति बनाई थी।
 
उन्होंने कहा, मुझे इस प्रक्रिया से कोई आपत्ति नहीं है। मैं राज्य के अन्य क्षेत्रों के लोगों के विरुद्ध हूं जो कुनबी प्रमाण पत्र पाने के लिए झूठे दावे कर रहे हैं ताकि वे शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मौजूदा लाभ उठा सकें। भुजबल राज्य के प्रमुख ओबीसी नेता हैं।
 
उन्होंने कहा, शिंदे समिति को मराठवाड़ा क्षेत्र में पर्याप्त प्रमाण मिले हैं। मराठवाड़ा के पात्र लोगों को प्रमाण पत्र मिलने चाहिए। उसका काम पूरा हो गया है और अब इसे भंग किया जाना चाहिए। उन्होंने रविवार को हिंगोली जिले में ओबीसी समुदायों की एक रैली में भी इसी तरह की बात कही थी।
 
उन्होंने समुदाय के सदस्यों से एकजुट होने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने को भी कहा था। भुजबल ने कहा कि मराठा समुदाय के लोगों को पूरे राज्य में कुनबी जाति के प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे, जिसका मतलब होगा कि राज्य में कोई मराठा नहीं बचेगा।
 
उन्होंने रैली में कहा था, कुनबी जाति प्रमाण पत्रों पर रोक लगनी चाहिए जो पिछले दो महीने में जारी किए गए हैं। भुजबल ने कहा कि कुनबी जाति के संबंध में रिकॉर्ड की संख्या बढ़ गई है। उन्होंने कहा, सरकार द्वारा गठित शिंदे समिति को अब भंग कर देना चाहिए। जाति वार पिछड़ेपन का अध्ययन मराठा समुदाय समेत सभी समुदायों के सर्वेक्षण के माध्यम से किया जाना चाहिए और फिर सुविधाएं दी जानी चाहिए।
 
भुजबल ने कहा कि सभी समुदायों के लिए तुलनात्मक अध्ययन होना चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे मराठाओं को आरक्षण देने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उन्हें अलग से आरक्षण दिया जाना चाहिए। राकांपा नेता ने कहा, हमारे (ओबीसी) नेता प्रकाश शेंदगे ने मुख्यमंत्री को करीब 7-8 दस्तावेज दिखाएं हैं जिनमें पुराने प्रमाणपत्रों में कलम से छेड़छाड़ की गई।
 
भुजबल ने कहा कि इस तरह के फर्जी दावों पर विचार नहीं होना चाहिए और इस तरह के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों को कुनबी प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने चाहिए। खुद की छवि मराठा आरक्षण की मांग के पुरजोर विरोधी की बनने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय कह चुका है कि मराठा समुदाय के लोगों को ओबीसी के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता।
 
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के हालिया बयान कि मराठाओं को अयोग्य लोगों के अधीन काम करना पड़ा, इस बारे में पूछे जाने पर भुजबल ने कहा, लेकिन ये वो लोग थे जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ काम किया था। कई संत भी (ओबीसी) समुदाय से थे और अब नए नेता (जरांगे) कह रहे हैं कि हम अयोग्य हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत में Corona कोरोना मरीजों पर 'डेक्सामिथासोन' की उच्च खुराक को लेकर रिसर्च में हुआ यह खुलासा